शिमला (एमबीएम न्यूज़) : भाजपा ने पानी के मुद्दे पर राज्य सरकार को जमकर घेरा है। सतासीन कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा ने कहा है कि सूबे में पानी की किल्लत इस कदर बढ़ गई है कि हजारों किसान व पशुपालक पड़ोसी राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राजीव बिंदल ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्य में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य में लगभग 90 प्रतिशत नाले व खड्डे सूख चुकी हैं तथा जिसमें थोड़ा बहुत पानी बचा है वह भी सूखने के कगार पर है। प्रदेश की अधिकांश पेयजल योजनाएं इन्हीं खड्डों से है। इसी तरह राज्य की 70 फीसदी पेयजल योजनाओं के स्त्रोत सूख चुके हैं या सूखने के कगार पर है।
बिंदल ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट बहुत ही गंभीर हो गया है। शहर भी इससे छूटे नहीं है। हालात यह है कि गांव में मवेशियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। इस कारण अपने पशुओं को लेकर लोगों को पड़ोसी राज्यों की ओर पलायन करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां पर एक भी पशु नहीं बचा है। अभी तक पानी की कमी के कारण हजारों पशु पंजाब व हरियाणा की ओर ले जाने पड़े है। लेकिन इससे निपटने के लिए सरकार ने कोई भी व्यवस्था नहीं की है। इस तरह के सूखे की स्थिति में सरकारें भूसे की व्यवस्था करती है तथा किराए में सब्सिडी देती है। इसके अलावा न ही अधिकारियों को इससे निपटने के लिए कोई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लेकिन दूसरी ओर वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी को बचाने की चिंता है। वहीं अन्य नेता कुछ न बर वन तो कुछ न बर दो बनने चाहते हैं।
बिंदल ने कहा कि पशुओं को पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण अभी तक जिला सिरमौर के पालियों पंचायत, कौलावालाभूड पंचायत, त्रिलोकपुर पंचायत सहित जिला ऊना के भारी संख्या में पशुओं का पलायन हो चुका है। लोग अपने पशुओं को लेकर साथ लगते पंजाब व हरियाणा की ओर जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने इससे निपटने के लिए कोई भी कांटीजेंट प्लान नहीं बनाया है। सरकार में सब लोग अपनी-अपनी कुर्सी को बचाने में लगे हैं। यह बात उन्होंने आज शिमला में पत्रकार वार्ता में कही।
बिंदल ने सरकार को चेताया कि 15 अप्रैल से 30 जून तक के अढ़ाई माह प्रदेश के आम जनमानस के लिए कहर बन कर टूटने वाले हैं। इस अवधि में लोगों को पेयजल संकट से गुजरना पड़ेगा।