नाहन, 10 जनवरी : ददाहू में दलित शोषण मुक्ति मंच का अधिवेशन आयोजित किया गया, जिसमें 13 पंचायतों के लोगों ने भाग लिया। अधिवेशन का उद्घाटन दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में दलित वर्ग के अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है। बैठक में जिला कमेटी सदस्य सतपाल मान ने विशेष रूप से भाग लिया। चर्चा में भाग लेते हुए सतपाल मान ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दलित विरोधी आंदोलन सरकार द्वारा प्रायोजित है।
अधिवेशन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि दलित वर्ग के शामलात भूमि पर अधिकार के लिए प्रदेश स्तर पर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
सतपाल मान ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति के संगठन दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले संविधान विरोधी ताकतों का विरोध करेंगे। मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि आरक्षण के नाम पर नौकरियों को छीनने का नारा दे कर सरकार इस समय आरआरएस के एजेण्डा को ही आगे बढ़ा रही है।
आशीष कुमार ने कहा कि प्रदेश खास कर सिरमौर में दलित वर्ग को जमीन में हिस्सेदारी दी जाए। उन्होंने कहा कि शामलात भूमि का फायदा पहले से ही भूस्वामी रहे प्रभावशाली लोगों को मिला है। अधिवेशन में चर्चा के दौरान आये सवालों में सतपाल मान ने कहा है कि सरकार ने सवर्ण आयोग बनाकर जातिगत भेदभाव को बढ़ावा दिया है अधिवेशन में रविदास समाज , कोली समाज, विश्वकर्मा समाज व भीम आर्मी आदि सगठनो के भी लोग मौजूद थे। इस दौरान 26 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया। नव निर्वाचित संयोजक इंदरजीत ने कहा कि दलित आबादी का उत्पीड़न सहन नहीं किया जा सकता है। ददाहू के सह संयोजक प्रेमपाल ने कहा कि आरक्षण विरोधी वातावरण मनुवादियों को मात्र इसलिए अखरता है, क्योंकि संविधान की वजह से जो अधिकार दलित समुदाय को मिले है, उन अधिकारों को लेने के लिए अब दलित समुदाय एकजुट होने लगे है।
ये है 26 सदस्यों की कमेटी
अधिवेशन में 26 सदस्यों की कमेटी चुनी गई है। इसमें इंदरजीत संयोजक ,प्रेम पाल सह संयोजक, बलबीर सिंह सह संयोजक, सुखदेव, सीताराम, सुरजीत, अरविंदर, देवेंद्र, धनीराम,रमन, अनुज सैनी, मोहन सिंह चौहान, रूपेंद्र, प्रकाश, इंदर सिंह, रणदीप, आदि शामिल हुए।