शिमला, 23 नवंबर: वैसे तो एक वक्त में रेणुका लाॅयन्स सफारी शेरों की कदमताल को लेकर मशहूर रही थी, लेकिन इस बार कांगड़ा के गोपालपुर चिड़ियाघर में वाइल्ड लाइफ विभाग ने शेर के शावकों को पहले जन्मदिन के मौके पर एक खास गिफ्ट दिया। बाकायदा मटन केक बनवाया गया था, ताकि इसके जमकर चटकारे ले सकें। यही नहीं, एक पुतले का इंतजाम भी किया गया था, ताकि वीरा व धीरा इसे अपना शिकार समझ कर इसके साथ खूब अठखेलियां कर सकें। विभाग ने जैसा सोचा था, ठीक वैसा हुआ भी। अठखेलियां भी हुई तो मटन केक का भी जायका लिया गया।
ऐसा माना जा रहा है कि शेर के शावकों के लिए इस तरह का इंतजाम हिमाचल में पहली बार किया गया है। एक जमाने में श्री रेणुका जी लाॅयन सफारी में शावकों का जन्म आम बात थी, मगर इस तरह की पार्टी तो नहीं हुई।2019 के आखिर में शेर के जोड़े अकीरा व हेमल को गुजरात से गोपालपुर लाया गया था। 22 नवंबर 2020 को अकीरा ने दो नर शावकों को जन्म दिया। कुछ अरसा पहले ही शेर के शावकों को विजिटर्स के लिए खुले बाड़े में छोड़ दिया गया था। तब से दोनों ही आंगतुकों के आकर्षण का केंद्र बिन्दू भी बनते हैं।
गोपालपुर ज़ू में शावकों के पहले बर्थडे पर मटन केक का जश्न
बेशक ही गोपालपुर चिड़ियाघर की अपनी अलग पहचान रही है, लेकिन शेर की दहाड़ से इसकी छटा में ओर निखार आ गया है। दीगर है कि कई बरस पहले रेणुका जी से भी गोपालपुर चिड़ियाघर में शेरों को भेजा गया था, लेकिन वैज्ञानिक कारणों से शेर व शेरनियों को आंतरिक प्रजनन की इजाजत केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने नहीं दी थी। लिहाजा, वो अपनी उम्र पूरा करने के बाद दुनिया को अलविदा कह गए थे। इसके बाद ही विभाग ने गुजरात से शेरों का जोड़ा लाने का निर्णय लिया था।
हमीरपुर वाइल्ड लाइफ के डीएफओ राहुल रोहाणे ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि वीरा व धीरा के पहले जन्मदिन पर कुछ खास करने की कोशिश चिड़ियाघर के स्टाफ ने की थी। उनका कहना था कि शावकों की केयर के लिए सीजैडए के दिशा-निर्देश के मुताबिक तमाम कदम उठाए गए हैं।