सोलन, 8 नवंबर : हिमाचल के नालागढ़ उपमंडल के अंतर्गत हांडाकुंडी स्थित गौ अभ्यारण में बैलों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। चैंकाने वाली बात ये है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि ज्यादा प्लास्टिक के सेवन के कारण इन बेजुबान पशुओं की मौत हो रही है। नालागढ़ प्रशासन इस मामले पर नजर बनाए हुए है। चूंकि इस मामले को सोशल मीडिया में गऊओं की मौत से भी जोड़ा जा रहा है, लिहाजा इस दुष्प्रचार को रोकने के मकसद से एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर भी मीडिया के सामने आए।
एसडीएम ने कहा कि गौ माता हिन्दू धर्म की धार्मिक भावना से जुड़ा हुआ संवेदनशील विषय है, लिहाजा तथ्यहीन व सनसनीखेज खबरों को प्रचारित करना गैर जिम्मेदाराना कार्य है। एसडीएम ने कहा कि बैलों ने प्लास्टिक का सेवन अभ्यारण में आने से पहले किया था। इस अभ्यारण में केवल नंदी गौवंश ही रखा गया है। इसमें कोई भी गाय नहीं रखी गई है। एसडीएम ने माना कि बैलों की मृत्यु का कारण प्लास्टिक के लिफाफे व हानिकारक पदार्थों का सेवन ही है। मृत पशुओं का पोस्टमार्टम भी किया जा रहा है।
नालागढ़ के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डाॅ. राकेश भट्टी ने बताया कि इस अभ्यारण में 416 बैलों को आश्रय दिया गया है, जिनके लिए सरकार व प्रशासन द्वारा तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। समय-समय पर चिकित्सीय जांच भी की जाती है। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि ज्यादा प्लास्टिक के कारण बैलों की मौत हो रही है।