शिमला, 19 अक्टूबर : हिमाचल के आयुष विभाग के डॉक्टर्स व आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट 30 सितंबर 2021 को तीन साल की अनुबन्ध अवधि पूरी कर चुके हैं। कोरोना काल में उन्हें कोरोना वॉरियर्स की उपाधि तो दे दी गई, लेकिन रैगुलर होने के लिए इन्हें इन्तजार करना पड़ रहा है। अन्य विभागों ने अपने कर्मचारियों को महीने के पहले हफ्ते में ही रैगुलर कर दिया था।
रैगुलर में देरी होने से इन कर्मचारियों के सालाना वेतन वृद्धि व वरिष्ठता पर असर पड़ता है। इसलिये इसमें देरी कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र दूरदराज इलाकों में खुले हैं। क्षय रोग उन्मूलन, पोलियो ड्यूटी, पोषण अभियान आदि में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे डॉक्टर्स व फार्मासिस्ट नियमित होने की राह देख रहे हैं। इनका कहना है कि कोरोना काल में फ्रंटलाइन वर्कर बनकर एक्टिव फाइंडिंग अभियान में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
कोविड सेंटर में ड्यूटी, बैरियर डयूटी हो या फिर हिम सुरक्षा अभियान हो इन सब ने दिन-रात काम किया है। इनके इन कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने खुद इन कर्मचारियों की सेवाओं को सराहा था। लिहाजा अब आयुष विभाग के डॉक्टर्स व आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट को तुरंत प्रभाव से रैगुलर किया जाना चाहिए।