शिमला, 9 सितंबर : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राजधानी शिमला के डाउनडेल और फागली में सरकारी जमीन पर अवैध शेड के निर्माण पर प्रदेश के मुख्य सचिव, नगर निगम आयुक्त, शिमला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया हेै। कोर्ट ने इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने ये आदेश एक कुष्ठ रोगी टेक चंद द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र पर जनहित याचिका के रूप में कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने पर पारित किए।
दरअसल याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि वह कुष्ठ रोगियों के लिए बनाए गए सरकारी आवास में रह रहा है और दो अन्य कुष्ठ रोगी गुलाब सिंह और प्रताप भी उक्त भवन में रहते हैं, जिन्होंने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से चार स्थायी घर और 38 अस्थायी शेड बनाए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पिछले साल फागली वार्ड के पार्षद और कनिष्ठ अभियंता ने गुलाब सिंह और प्रताप द्वारा अतिक्रमित जमीन पर 70-80 लाख की लागत से दीवार खड़ी की थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि उन्हें वर्ष 2013 में सरकारी आवास आवंटित किए गए थे, लेकिन इन दोनों व्यक्तियों को सरकारी आवास की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि उनके पुराने घर पहले से ही जमीन पर मौजूद हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि इन अतिक्रमणकारियों ने उन्हें पंचायत से बहिष्कृत करने और सरकारी आवास से निकालने की धमकी दी है। उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई कि उन्हें सरकारी आवास में स्वतंत्र रूप से और शांति से रहने की अनुमति दी जाए और गलत काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तथा इस संबंध में जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि अतिक्रमण हटाओ और सुंदर कॉलोनी को बनाए रखा जाए।