शिमला, 17 अगस्त : बचपन से ही पिता को पुलिस अधिकारी देखा। लिहाजा, आकृति की आंखों में होश संभालने के बाद से ही आईपीएस बनने का ख्वाब तैरने लगा था। ये सपना, उस समय पूरा हो गया था, जब यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में 137वां रैंक हासिल किया।
हिमाचल पुलिस में डीआईजी के पद से सेवानिवृत आरएम शर्मा की बेटी आकृति ने वैसे तो 2014 में भी इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया था, लेकिन रैंक नीचे होने की वजह से रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में तैनाती मिली। चूंकि अल्टीमेट गोल आईपीएस बनने का था, लिहाजा वो शिद्दत से कोशिश में जुट गई। 2016 में आईपीएस बनने का ख्वाब पूरा हो गया। होनहार बच्चों के अगर बचपन में झांका जाए तो वो अक्सर कहते हैं कि बडे़ होकर एसपी या डीसी बनना है।
आखिर, वो वक्त आ ही गया है, जब आईपीएस आकृति शर्मा हमीरपुर में बतौर पुलिस अधीक्षक अपनी पहली पारी शुरू करने जा रही हैं। 19 जुलाई 1986 को जन्मी आकृति ने 2011 में पूरी शिद्दत से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। पांच साल तक संकल्प को दृढ़ रखा। फिर वही कहावत चरितार्थ हो गई, जिसमें कहा जाता है कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। 2016 में वो पल आ चुके थे, जब आईपीएस बन गई थी। आईपीएस आकृति शर्मा के जीवन से जुड़ी एक रोचक बात यह भी है कि वो बचपन में फैंसी ड्रेस शो में पुलिस अधिकारी ही बनती थी। बचपन के अपने जुनून को 29 साल की उम्र में रियल लाइफ में बदल दिया।
एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान 2009 में यूनिवर्सिटी टाॅपर बनने का भी आकृति ने गौरव हासिल किया था। बार-बार यही दोहराती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा में विषयों का चयन महत्वपूर्ण होता है। ऑनलाइन कोचिंग सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए। एक-दो बार असफलता मिले तो निराश नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि आईपीएस आकृति की मां डाॅ. मीना प्रोफैसर के पद से सेवानिवृत हुई हैं। पति की ट्रांसफर के दौरान वो इस बात पर काफी फोकस करती थी कि आकृति की पढ़ाई में कोई बाधा पैदा न हो।
उल्लेखनीय है कि आईपीएस बनने के बाद वो चाहती थी कि उन्हें हिमाचल कैडर मिले। मूलतः ऊना की रहने वाली आईपीएस आकृति शर्मा की सफलता में उनके पति सुमित का भी बड़ा योगदान है। नेवी अधिकारी पति ने आकृति को हमेशा ही आईपीएस बनने के लिए प्रेरित किया।