पांवटा साहिब, 30 जून : टिम्बी-बकरास मार्ग पर पशोग सड़क हादसे में पुलिस को ब्रेक के निशान नहीं मिले हैं। यही कारण है कि चालक को नींद की झपकी आने की भी आशंका जाहिर की जा रही है। अमूमन ऐसे सड़क हादसों में वाहन के बेकाबू होने की सूरत में चालक द्वारा ब्रेक का इस्तेमाल काफी प्रैशर से किया जाता है। इससे कई बार सड़क पर निशान भी बन जाते हैं।
दुखद बात ये भी है कि इस हादसे में एक बछड़ी की भी जान गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा रिवाज है कि जब बेटी को घर से विदा किया जाता है तो एक बछड़ी का दान भी किया जाता है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक चालक को बछड़ी लेने ही भेजा गया था। चूंकि बारात विदा हो रही थी तो वापसी में बाराती खासकर युवा तबका इस पिकअप में सवार हो गया। ये भी जानकारी मिल रही है कि सड़क के किनारे एक पैराफिट को भी तोड़ते हुए बोलेरो कैंपर खाई में उतर गई।
बेशक ही सड़क पर टायरों के निशान नहीं मिले हैं, लेकिन खाई में वो निशान मौजूद हैं, जहां से लुढ़ककर ये पिकअप खड्ड तक जा पहुंची। हालांकि जिलाधीश ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही 6 सदस्य टीम का भी गठन किया है। ये टीम हादसे के कारणों का पता लगाएगी। मगर पुलिस की शुरूआती जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हादसे से कुछ पल पहले ड्राइवर को ब्रेक लगाने का मौका नहीं मिला। ऐसा क्यों हुआ, इसको लेकर तो कोई सटीक बात फिलहाल नहीं कही जा सकती, लेकिन ये जरूर है कि 11 परिवारों ने अपने सदस्यों को हमेशा के लिए खो दिया है।
ये भी पता लगाया जाना चाहिए कि क्या क्रैश बैरियर होने की स्थिति में 11 अनमोल जीवन बचाए जा सकते थे या नहीं। ये भी जानकारी है कि हादसे वाली जगह हल्की उतराई थी। तस्वीरों में यह जरूर साफ हो रहा है कि घटनास्थल पर क्रैश बैरियर नहीं थे। सवाल इस बात पर भी उठता है कि क्या सरकार अब प्राथमिकता पर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाएगी या फिर एक-दो दिन शोक व्यक्त कर इतिश्री कर ली जाएगी। फिर हादसे वाली जगह मंदिर बन जाएगा।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने माना कि सड़क पर ब्रेक लगने के निशान नहीं मिले हैं। डीएसपी ने इस बात की पुष्टि भी की कि हादसे में एक बछड़ी की मौत भी हुई है। डीएसपी ने कहा कि इस बात का पता लगाया जा रहा है कि ब्रेक लगाने की कोशिश क्यों नहीं हुई। मैकेनिकल जांच भी की जा रही है।
बता दें कि हादसे में 38 वर्षीय चालक अनिल कुमार पुत्र खजान सिंह की भी मौत हो गई है। वो भी चडेऊ गांव का रहने वाला था।