हरिपुरधार/सुरेंद्र चौहान
समुद्र तल से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित शिव मूर्ति स्थल व शिरगुल मंदिर चूड़धार विद्यमान है। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक और उत्तरी भारत के सातवें धाम के रूप में पहचान रखने वाला यह पावन तीर्थ स्थल आस्था की दृष्टि से विशेष स्थान रखता है।
मंदिर जीर्णोद्धार काष्ठ कलाकृति से होगा सम्पूर्ण, निर्माण कार्य में होगी तेजी…
चूड़धार मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष एसडीएम चौपाल ने बताया कि विगत कई वर्षों से मंदिर जीर्णोद्धार काष्ठ कला के अनुरूप ही निर्माण कार्य किया जा रहा है और वर्ष में सिर्फ 3-5 महीनों तक ही मंदिर कार्य किया जा सकता है। क्योंकि चूड़धार मंदिर अधिक ऊंचाइयों वाले पृष्ठ भूमि पर स्थित है। ऐसी स्थिति में यहां कार्य को अंजाम देना, भारी चुनौतीपूर्ण होगा।
वर्ष 2022 तक मंदिर जीर्णोद्धार का कार्य पूरा होने की उम्मीद…
परगना चेहता के नम्बरदार भीम सिंह समटा, व वरिष्ठ प्रबुद्ध महानुभाव कांशी राम समटा ने बताया कि विगत कई वर्षों से शिरगुल देवता चूड़धार मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा है और हर बार मंदिर कार्य को पूरा करने का प्रयास मंदिर सेवा समिति कर रही है और प्रगना हाबंल, चेहता के लोग पूरे सहयोग के साथ श्रमदान के रूप में कार्य कर रहे हैं
इस बार भी कार्य में तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि चूड़धार तीर्थ स्थल अधिक ऊंचाई होने के कारण मंदिर निर्माण कार्य मौसम पर ही निर्भर करता है। हमें पूरी उम्मीद है कि वर्ष 2022 तक मंदिर कार्य पूर्ण होगा। और देवता महाराज को समर्पित होगा।