नाहन 8 फरवरी : शहर में हर दिन प्रतिबंधित पॉलिथीन का इस्तेमाल धड़ल्ले से बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह हो गया है कि अब दुकानदारों व व्यापारियों द्वारा सरेआम ही ग्राहकों को पॉलिथीन में समान डाल कर दिया जा रहा है।
हालांकि सब्जी मंडी में सब्जियों की पैकिंग पहले की तरह पॉलिथीन की पनियों में ही आ रही है, लेकिन बाजार में पॉलिथीन का इस्तेमाल काफी कम हो गया था। अहम बात यह है कि दुकानदारों द्वारा नॉन वूवन बैग को भी किनारे कर दिया गया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि नॉन वूवन बैग्स भी पर्यावरण हितैषी नहीं है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा फिलहाल इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया है। यही कारण था कि वैश्विक महामारी के दौरान नॉन वूवन के थैले तो बाजार में मिलते ही थे साथ ही इनके मास्क भी प्रचलन में है। यहां तक की स्वास्थ्य विभाग ने भी कई मर्तबा नॉन वूवन मास्क खरीदें।
अब सवाल उठता है कि आखिर क्यों अचानक पॉलिथीन के बैग नॉन वूवन का विकल्प बन गए हैं। जानकारों का कहना है कि पॉलिथीन की थोक खरीद सस्ती होने की वजह से दुकानदारों द्वारा इसे गलत तरीके से खरीदने के बाद ग्राहकों को दिया जा रहा है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि वैश्विक महामारी के बाद पंचायती राज चुनाव में सरकार के तमाम विभाग व्यस्त हो गए। इस कारण धीरे-धीरे पॉलिथीन का प्रचलन इस कदर बढ़ गया कि पर्यावरण प्रेमी भी हैरान हो गए हैं। पहले चोरी-छिपे तरीके से पॉलिथीन का इस्तेमाल हो रहा था, लेकिन अब तो इसका इस्तेमाल खुलेआम धड़ल्ले से किया जाने लगा है।
उधर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिशाषी अभियंता पवन शर्मा ने कहा कि बोर्ड द्वारा समय-समय पर पाॅलीथीन को एकत्रित करने का कार्यक्रम चलाया जाता है। कालाअंब-सुकेती मार्ग पर एकत्रित पाॅलीथीन का इस्तेमाल सड़क के निर्माण में भी किया गया। शमा ने कहा कि जल्द ही नाहन में पाॅलीथीन के इस्तेमाल को लेकर उचित कदम उठाए जाएंगे। इसी बीच डीएफएससी आदित्य बिंद्रा ने जानकारी को सुझाव के तौर पर लेते हुए शीघ्र ही उचित कदम उठाने की मांग की है।