पावंटा साहिब, 25 सितंबर: हालांकि उत्तराखंड की सीमा को पार करने के बाद जंगली हाथी (Wild Elephant ) पहले भी देवभूमि हिमाचल (Himachal) में दाखिल होते रहे हैं, इससे पहले भी कदमताल करते जंगली हाथी की तस्वीरें और वीडियो (Video) सामने आ चुके है। मगर इस बार तो गजराज पावंटा साहिब शहर की मेन मार्केट (Main market) तक की ही पहुंचे हैं, इससे जुड़ा वीडियो सामने के आने के बाद लोग से सहम गए हैं। दरअसल रात के वक्त अचानक की कुत्ते भौंकने लगे, इसके बाद कुछ लोगों का ध्यान शहर की सड़कों पर गजराज की कदमताल की तरफ गया। ये वीडियो मेन बाजार से बद्रीपुर के तरफ यूनियन बैंक के नजदीक का है।
यमुना नदी (Yamuna River) का जलस्तर (Water level) कम होने के बाद गजराज हिमाचल में दाखिल हो जाते हैं। हालांकि वन्य प्राणी विभाग(Wildlife Department) के नजरिए से हाथियों का आना एक पॉजिटिव बात है, लेकिन इस तरह से सड़कों व मेन मार्केट पर आना लोगों की सुरक्षा के लिए सही नहीं हो सकता। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के राजा जी नेशनल पार्क (Rajaji National Park) से हाथियों की टोली काफी लंबे अरसे से यमुना नदी को पार कर हिमाचल में दाखिल हो रही है। करीब 12 साल पहले अकेला हाथी ही पूरे इलाके की टोह लेने आया था। इस दौरान सिंबलवाड़ा सेंचुरी का रुख करता था। धीरे-धीरे हाथी ने हरियाणा की कलेसर सेंचुरी को भी अपना ठिकाना बनाया था।
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उल्लेखनीय है कि सिंबलवाड़ा सेंचुरी का दर्जा अब नेशनल पार्क (National Park) को दिया जा चुका है। सीमांत क्षेत्रों के किसान भी अक्सर हाथी द्वारा फसलों को बर्बाद किए जाने की शिकायत दर्ज करवाते हैं। करीब 3 साल पहले एक हाथी की मौत भी हो गई थी, जिसका पोस्टमार्टम (Autopsy) करने में विभाग को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि लंबा अरसा पहले एक जंगली हाथी नाहन- कालाअंब मार्ग पर मोगिनंद तक भी पहुंच गया था। इस दौरान एक फैक्ट्री की बाउंड्री बॉल को तोड़ दिया था। वापसी में मारकंडा नदी के किनारे पॉपुलर के पेड़ों (Popular trees) के बीच में दिन बिताने पर मजबूर हो गया था,ऐसा बताया जाता है की हाथी रात के वक्त ही मूव करता है और सूरज की पहली किरण आते ही रुक जाता है।
उधर पावंटा साहिब के डीएफओ कुणाल अंगरीश (DFO Kunal Angrish) कहना था कि बीती रात सूचना मिली थी। इसके बाद जब तक मौके पर टीम पहुंची तो लोगों ने खेतों से हाथियों को खदेड़ दिया था। इसके बाद इनके वायपॉइंट के समीप होने की जानकारी भी मिली थी। उन्होंने बताया कि जल्द ही यमुना नदी के किनारे सुरक्षा दीवार का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा, ताकि कम से कम हाथी शहर में सीधा दाखिल ना हो। उनका कहना था कि शहर के जिस क्षेत्र में हाथी पहुंचे थे, उसके साथ ही खेत भी हैं।