शिमला, 06 सितम्बर : हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के करूणामूलक आश्रितों ने राज्य सरकार से करूणामूलक आधार पर नौकरी देने की मांग उठाई है। वन विकास निगम करूणामूलक आश्रित संघ का कहना है कि वर्ष 2005 से अभी तक करूणामूलकों को निगम में नौकरी नहीं मिली है। 130 करूणामूलक आश्रित कई सालों से नौकरी को तरस रहे हैं।
संघ के प्रधान दिनेश कुमार ने रविवार को प्रैस वार्ता में कहा कि वन विकास निगम में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के 150 पद रिक्त पड़े हैं। लेकिन ये भरे नहीं जा रहे हैं और निगम उन्हें लगातार हताश कर रहा है। प्रदेश सरकार से कई बार भर्ती का मामला उठाया गया है, लेकिन महज झूठा आश्वासन ही मिला है। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर 15 दिन के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी, तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि करूणामूलकों को नौकरी के लिए 5 फीसदी का कोटा निर्धारित है। इस कोटे को हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इसे उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। बीते 15 सालों से करूणामूलक के मामले लंबित पड़े हैं और सभी आश्रित नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। उन्होंने मांग उठाई है कि वन विकास निगम में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के करूणामूलक पदों को वन टाइम रिलैक्सेक्शन के तहत भरा जाए। यह भी कहा कि वे चतुर्थ श्रेणी की नौकरी करने को भी तैयार हैं।
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