सोलन, 20 अगस्त : कहते हैं कि अगर पुलिस अपनी करनी पर आ जाए तो पाताल से भी अपराधी को तलाश सकती है। यह पंक्तियां हिमाचल की नालागढ़ पुलिस(Nalagarh) के एक रेस्क्यू ऑपरेशन(Rescue Operation) के बाद सटीक साबित हो रही हैं, इस ऑपरेशन में 52 घंटे में 1700 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद नेपाल बॉर्डर(Nepal border) से लापता 12 व 15 साल की किशोर लड़कियों(Missing adolescent girls) को बरामद किया है।
लाजमी तौर पर पुलिस वाहन के पायलट का भी हौसला है, जो 52 घंटे के भीतर ही नेपाल सीमा से वापस लौट आये । पुलिस ने वाहन के पायलट(Civilian pilots) के तौर पर संजीव कुमार व विशाल की सेवाएं ली थी जो दिन- रात वाहन को चलाते रहे। पुलिस टीम इस बात को बखूबी जानती थी कि अगर वहां तक आने की सूचना पहुंच गई तो बच्चियों की बरामदगी का कोई सवाल ही नहीं उठता।
गौरतलब है कि अक्सर भारत में अपराधिक वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी नेपाल(Nepal) की सीमा पार कर जाते हैं,उन्हें वापस लाना संभव नहीं हो पाता।
गौर हो कि 14 अगस्त की रात को नालागढ़ थाना के अंतर्गत 12 व 15 साल की लड़कियां लापता हो गई। इसके बाद पुलिस ने तार जोडऩे शुरू किए। इस दौरान पुलिस को खुफिया नेटवर्क(Intelligence network) से पता चला कि पड़ोस में रहने वाले 18 वर्षीय रामपाल व 20 साल का माहिर बच्चियों को लेकर पर नेपाल बॉर्डर(Nepal border) लखीमपुर पहुंच चुके हैं। तुरंत ही एएसआई रतन लाल, हैड कांस्टेबल दीवानचंद, कांस्टेबल हरबीर, लेडी कांस्टेबल हरविंदर कौर की टीम गठित की गई। एक तरफ 850 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद टीम 18 अगस्त को सुबह ही लखीमपुर के धौराहरा गांव पहुंच गई। लोकल पुलिस की मदद से दोनों बच्चियों को बरामद कर लिया, जिनकी शिनाख्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(video conference) के जरिए माता-पिता से करवाई गई।
आप यह भी जानकर हैरान होंगे कि 19 अगस्त की सुबह साढ़े 6 बजे टीम वापस भी लौट आई। वापसी के दौरान पीडि़त बच्चियों के अलावा आरोपियों को भी पीपीई किट मुहैया करवाई गई ताकि कोरोना को लेकर जारी दिशा निर्देशों की पालना की जा सके। वापस लौटी टीम, पीडि़त बच्चियों के अलावा आरोपियों का भी कोरोना टैस्ट करवाया जा रहा है।
एसपी रोहित मालपानी ने कहा कि लाजमी तौर पर टीम की बड़ी उपलब्धि है। उनका कहना था कि नेपाल सीमा से 2 दिन के भीतर ही सफलता अर्जित करने के बाद लौटना भी काफी मुश्किल था।
उधर आम लोगों का यह कहना है कि इस ऑपरेशन के लिए अधिकारी व कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। कोरोना में इस तरह का जोखिम भरा कदम उठाकर नाबालिगों को सुरक्षित हिमाचल(Himachal) लाना बड़ी उपलब्धि है। लोगों द्वारा पुलिस टीम को उचित मंच पर सम्मानित करने की वकालत भी की जा रही है।
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