मंडी, 07 अगस्त : हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्करज यूनियन ने मांग उठाई है कि सरकारी स्कूलों में जलवाहकों के स्थान पर सरकार जो एमटीएस (MTS) यानी बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं को रखने जा रही है, वहां पर मिड डे मील वर्करों को प्राथमिकता दी जाए। इस प्रमुख मांग के साथ अपनी अन्य मांगों को लेकर आज मिड डे मील वर्करों ने सीटू के बैनर तले मंडी में धरना दिया व प्रदर्शन किया।
जिला प्रभारी गुरदास वर्मा ने बताया कि एक ज्ञापन भी उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया। जिसमें मिड डे मील वर्करों की मांगों को उठाया गया। यूनियन को इस बात का रोष है कि सरकार ने यह फैसला तीन साल पहले लिया था। मगर इसकी अधिसूचना अब जारी हुई है और इसके लिए सरकार आवेदन मांग रही है। जबकि मिड डे मील वर्करों को ही इसमें रखा जाना चाहिए था।
यूनियन का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते इन दिनों स्कूल बंद हैं मगर इसके बावजूद भी मिड डे मील वर्कर बच्चों के घर घर जाकर राशन वितरित कर रहे हैं। यहां तक आईसोलेशन सेंटरों में भी मिड डे मील वर्करों को खाना बनाने का काम दिया गया है। इसकी एवज में सरकार कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया गया है। कुछ खंडों में कार्यकर्ताओं को अभी जून महीने का वेतन दिया गया मगर कई खंडों में अभी तक भी मार्च तक का ही वेतन कार्यकर्ताओं को मिला है। यह भी महज 1100 रूपए मासिक ही दिया जा रहा है जिससे कार्यकर्ताओं में भारी रोश है। इसके साथ ही मिड डे मील कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन जो 8250 रूपए है देने की मांग भी की गई है। इन सब मांगों को लेकर ही यह प्रदर्शन किया गया व धरना दिया गया।
इस मौके पर जिला प्रधान चमन लाल, सचिव संतोश के अलावा तारा देवी अहल्या देवी, बबली,करिश्मा, धनी देवी, कौशल्या देवी, लता देवी व बिमला सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। इस मौके पर सीटू के जिला सचिव राजेश शर्मा भी मौजूद रहे।