शिमला : कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पर फॉक्स किया जा रहा है। कोरोना लाॅकडाउन खुलने पर लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से दूरी बनाएंगे और टैक्सियों में बैठने से भी कतराएंगे। बिलासपुर में बाहरी राज्यों से आए दो टैक्सी चालक कोरोना पाॅजिटिव पाए जाने के बाद टैक्सी आॅपरेटरों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
राजधानी में टैक्सी चलाने वाले एक शख्स ने सोशल डिस्टैंसिंग की खुबसूरत मिसाल पेश करते हुए अपनी गाड़ी को भी कोरोना से लड़ने के लिए तैयार कर लिया है। शिमला के पवाबो निवासी नरेंद्र ठाकुर ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए अपनी टैक्सी को नया लुक दे दिया है।
टैक्सी ड्राइवर ने सवारियों के बैठने के लिए इसमें अलग-अलग कैबिन बनाए हैं. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रहे। इस ड्राइवर की ये तरकीब लोगों को खूब पंसद आ रही है। ड्राइवर ने टैक्सी में सवार होने वाले व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से सक्रमण न फैले इसके लिए टैक्सी को दो अलग हिस्सों में बांट दिया है। पार्टीशन में लगभग 7 से 8 हजार रुपये का खर्च आया है। इसके अलावा मास्क और हैंड सेनेटाइजर को भी टैक्सी में रखने की व्यवस्था है। ड्राइवर ने सवारियों का लेखा जोखा रखने के लिए रजिस्टर भी लगाया है। ताकि पता चल सके कि सवारी कहां बैठी हैं और कहां से आई है।
नरेंद्र ठाकुर ने बातचीत के दौरान बताया कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह तरकीब निकाली है। टैक्सी में चार कैबिन बनाए गए हैं। आगे व पीछे दो-दो अलग कैबिन हैं। सफर के दौरान कोई सवारी अग खांसती व उल्टी करेगी, तो अन्य सवारियों को इसका असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस टैक्सी को नया रूप देने में दो दिन लगे हैं। शिमला की एक वर्कशाप में टैक्सी को इस नए रूप में बदला गया और इसके बदले उसे सात से आठ हजार रूपये चुकाने पड़े है।