शिमला: उम्र मात्र 33 साल है। छोटी उम्र में बुलंदियों को छू लिया है। तीन साल पहले तक बिलासपुर के समैला गांव के रहने वाले प्रदीप राजपूत की जीवन शैली ऐशो आराम भरी रही। अचानक ही एक दिन मन में विचार कौंधा कि वो बेवजह ही ऐशो आराम पर फिजूलखर्ची कर रहे हैं। क्यों न इस धन से जरूरतमंदों की मदद की जाए। वो कभी नहीं चाहते थे कि पब्लिसिटी लें, लेकिन परिवार इस नेक कार्य को इसलिए सामने लाया, ताकि प्रदीप राजपूत की सोच से बाकी लोग भी प्रेरणा ले सकें। यानि प्रदीप राजपूत “नेकी कर- दरिया में डाल “,पंक्तियों को सार्थक कर रहे हैं।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में होटल व्यवसायी प्रदीप रोजाना हजारों फूड पैकेट बांटते हैं। साथ ही वाटर बोटल्स भी स्टॉल पर उपलब्ध करवाते हैं, ताकि जरूरतमंद व असहाय लोग इसे ले सकें। महामारी के दौर में प्रदीप न केवल विदेशी धरती पर भारत का मान बढ़ा रहे हैं, बल्कि सुविधा हासिल करने वाले प्रदीप से अक्सर उनके गांव के बारे में भी पूछा करते हैं। बैंकॉक से एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए प्रदीप ने कहा कि वो तीन साल से समाज सेवा में लगे हुए हैं। वो कभी नहीं चाहते थे कि मीडिया की सुर्खियां बनें। उनका यह भी कहना था कि अगर एमबीएम न्यूज नेटवर्क के माध्यम से किसी गरीब बच्चे को पढ़ाई के खर्च की जरूरत होगी तो वह हर कदम पर तैयार हैं। उनका कहना था कि बैंकॉक में अपना ही होटल है। इसके अलावा कुछ स्थानीय लोग भी चैरिटी मुहैया करवाने की अक्सर पेशकश करते हैं।
बहरहाल प्रदीप के बारे में एक यह भी जानकारी मिली है कि वो अक्सर ही ऐसे लोगों को छत भी मुहैया करवाते हैं, जिनके पास रहने का कोई आसरा नहीं होता। हाल ही में एक भारतीय युवक सड़क हादसे में घायल हुआ था। वो प्रदीप की इम्दाद की वजह से ही घर सुरक्षित लौटा। प्रदीप ने कहा कि वो कतई भी उन लोगों की तस्वीरें व वीडियो शेयर नहीं करेंगे, जिनकी मदद कर रहे हैं, क्योंकि वो उनका उपहास नहीं बनाना चाहते।