रिकांगपिओ : भले ही किन्नौर में अब तक कोरोना वायरस का पॉजिटिव केस नहीं आया है, लेकिन मानवीय भूल के कारण इसके संक्रमण का किन्नौर में प्रवेश का खतरा बना हुआ है। बताते चले कि जिले में वायरस से पीड़ित लोगों के प्रवेश के लिए प्रशासन द्वारा प्रवेश द्वार चौरा में 20 मार्च के बाद जांच केंद्र स्थापित किया गया है, ताकि ऐसे लोगों पर रोक लगाए जा सकें।
इन दिनों देखने में आया है कि जिला के ही कई बागवान ऊंची पहुंच दिखाकर चौरा बेरियर पर तैनात टीम पर दबाव बनाकर बाहरी राज्यों व नेपाली मज़दूरों का प्रवेश कराने में लगे हैं। नतीजन बिना जांच के आने से जिले में संक्रमण के फैलने का भी खतरा बना हुआ है। यह भी बताया जा रहा है कि कुछ लोग वैकल्पिक मार्ग का भी सहारा लेकर मज़दूरों के किन्नौर प्रवेश करने में लगे हुए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस वैकल्पिक मार्ग से 20 से 30 लोगो की टोलियां बनाकर नेपाली एव बाहरी मजदूर पैदल चलकर किन्नौर में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें किन्नौर के कुछ लोगों को भी साथ देखा गया है। ऐसे में मांग उठने लगी ही कि प्रशासन ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करें और उन बाहरी एवं नेपाली मजदूरों का भी स्वास्थ्य जांच सुरक्षित करवाए, जो अब तक बगैर जांच के किन्नौर में प्रवेश कर गए हैं।
वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि चौरा स्थित जांच केंद्र में बाहर से आ रहे स्थानीय लोगों का जांच सुनिश्चित नहीं किया गया है, जिससे स्थानीय लोगो के द्वारा भी वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। जिला के कई बुद्धिजीवी सहित कई लोगों का मानना है कि चौरा स्थित जांच केंद्र में बाहर से आने वाले सभी लोगो की जांच सुनिश्चित किया जाए।