नाहन : औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब स्थित डिजिटल विजन उद्योग में उत्पादित कप सिरप से जम्मू में मासूमों की मौत की जांच एसआईटी करेगी। इसकी जिम्मेदारी डीएसपी, मुख्यालय को सौंपी गई है। एसआईटी में कालाअंब के थाना प्रभारी को भी शामिल किया गया है। चूंकि आपराधिक मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा 308 को शामिल किया गया है, लिहाजा यह साफ है कि कंपनी में उत्पादित कफ सिरप के सेवन से ही जम्मू में मासूमों की मौत हो गई थी।
मंगलवार की रात ड्रग महकमे ने 18 दिन बाद मामला दर्ज करवाया था। कंपनी के हिस्सेदार पुरूषोत्तम गोयल, कोनिक गोयल व माणिक गोयल के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। अहम बात यह है कि इस कंपनी का भवन देखकर ही अंदाजा लग जाता है कि घरनुमा फैक्टरी में किस तरीके से दवाओं का उत्पादन होता होगा। सवाल इस बात पर भी उठता है कि प्रदेश को फार्मा हब बनाने की होड़ में क्योंऐसे उद्योगों पर नजर नहीं रखी जाती। प्रश्न इस बात पर भी उठता है कि जब इस तरह की दवाएं बन रही थी तो ड्रग महकमा कहां था। समय-समय पर निरीक्षण हुआ या नहीं।
दीगर है कि सिरमौर में अब भी कई ऐसे फार्मा उद्योग मौजूद हैं, जो बाहर से देखने पर एक घर प्रतीत होते हैं। इनमें कैसे हाईजीनिक तरीके से दवाएं बनती होंगी, यह तो रामभरोसे ही है। अगर नामी फार्मा कंपनियों को देखा जाए तो वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, लेकिन 60 फीसदी उद्योगों में मापदंडों को लेकर संशय है। उधर एसपी अजय कृष्ण शर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा कि मामले को लेकर एसआईटी गठित की गई है। इसकी जिम्मेदारी डीएसपी मुख्यालय को सौंपी गई है।
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