कुल्लू : जिला समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश व बर्फबारी का दौर थम गया है। उपमण्डल बंजार की तीर्थन घाटी, जिभी व जलोड़ी दर्रा भारी मात्रा में बर्फबारी दर्ज की गई है, जंहा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में करीब 5 फुट तथा निचले इलाकों में करीब 5 इंच तक बर्फबारी हुई है। मौसम खुल जाने से पूरा दिन धूप खिली रही जिस पर लोगों ने राहत की सांस ली और धूप सेंकने का पूरा आंनद उठाया। भारी बर्फबारी के कारण पूरी तीर्थन घाटी समेत जीभी घाटी शीत लहर की चपेट में आ गई है। यहां का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें अवरुद्ध होने की वजह से घाटी के अधिकतर इलाकों में हिमाचल की लाइफ-लाइन कही जाने वाली बस परिवहन सेवा बन्द पड़ी है। जिस कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
घाटी के कई दूर-दराज इलाकों में पेयजल की पाइप लाइनें जम गई है और बिजली आपूर्ति भी ठप पड़ी है। जिस कारण घाटी के कई गांव अन्धेरे में डूब गए हैं। बिजली आपूर्ति न होने की वजह से लोगों का फोन और इंटरनेट के माध्यम से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। प्रशासन द्वारा अवरुद्ध पड़े सड़क मार्गों तथा बिजली आपूर्ति को बहाल करने के प्रयास किए जा रहे। जिसमे स्थानीय लोग भी विभाग का सहयोग कर रहे है। घाटी में घूम रहे आवारा व बेसहारा पशुओं की जान पर आफत आन पड़ी है। घाटी के कुछ स्वयं सेवी युवा इन बेसहारा पशुओं के लिये चारे व सहारे की व्यवस्था में लगे हुए हैं।
इस माह दशकों बाद इतनी भारी मात्रा में बर्फबारी होना सब को अचंभित कर रहा है। लेकिन घाटी के किसानों एवं बागवानों के लिए बर्फबारी का होना लाभदायक माना जा रहा है। तीर्थन घाटी के बुजुर्ग सेवानिवृत वन परिक्षेत्राधिकारी तुले सिंह नेगी का कहना है कि करीब 20 बर्षों के बाद इस माह घाटी में इतनी ज्यादा मात्रा में बर्फ देखने को मिल रही है। जो किसानों एवं बागवानों के साथ सब के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।
उनका कहना है कि पहाड़ों में भारी बर्फबारी के कारण लोगों को प्राकृतिक स्त्रोतों में पीने के पानी की समस्या से नही जूझना पड़ेगा। तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के महासचिव महेन्द्र सिंह का कहना है कि बर्फबारी के इस मौसम में तीर्थन घाटी का अदभुत दृश्य निखर कर सामने आया है। जो पर्यटक लोग फोटोज व वीडियो देख कर यहां आने के लिए सम्पर्क कर रहे हैं और कई ऑन लाइन बुकिंग कर रहे हैं। जिससे पर्यटन कारोबार में भी इजाफा होने की उम्मीद है।