घुमारवीं: 81 साल की बृद्ध व असहाय महिला खौफनाक क्रूरता से बेहद ही सहमी हुई है। आलम यह है कि महिला अब घर से बाहर निकलने से ही डर रही है साथ ही बिस्तर पकड़ लिया है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब समाज सेवी संजय शर्मा बजुर्ग महिला से मिलने उनके घर पहुंचे। पूर्व सैनिक की विधवा महिला से धर्म के नाम पर क्रूरता की तमाम सीमाएं लांघ दी गई थी। बेटी ने कहा कि माता पिता के बेटियाँ ही नहीं बल्कि बेटा भी होना चाहिए। सीएम के गृह जिला में हुई इस घटना से देवभूमि को शर्मसार किया है।तीन दिन पूर्व यह बुजुर्ग अपने गांव आई तो इन्हीं समाज और धर्म के ठेकेदारों ने फिर से महिला को अपना निशाना बना लिया। इस बार इन लोगों ने पहले बुजुर्ग महिला के सिर के बाल काटे, फिर उसका मुहं काला किया और उसके बाद उसे जूतों की माला पहनाकर देवरथ के आगे पूरे गांव में घसीटा।
मानवता की क्रूरता की खबर सुनकर समाजसेवी संजय शर्मा पीड़ित महिला से मिलने पहूचे। इस दौरान बेटी के आंसू रूके नहीं रुक रहे थे। कहा कि माता- पिता के बेटियाँ ही नहीं बेटा भी होना चाहिए, मतलब बेटी बचाओ- बेटी पढाओ के मायने असफल हो गए हैं। बोली, अगर भाई होता तो हमारी मां के साथ ऐसा नहीं होता। धर्म के ठेकेदारों की करतूत से समूचा प्रदेश हैरान है कि कैसे एक दुर्बल बजुर्ग महिला को अपमानित किया जाता है। दीगर है कि सीएम के आदेश के बाद सरकाघाट पुलिस ने 20 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इंतजार इस बात का है कि कब धर्म के इन ठेकेदारों को सलाखों के पीछे धकेला जाता है।
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