ऊना : जिला के एक विद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आया है। सीनियर छात्र न केवल जूनियर छात्रों से अपना होमवर्क करवाते थे, बल्कि कपड़े भी धुलवाते थे। काम न करने पर जूनियर बच्चों को तब तक पीटा जाता था,जब तक जूनियर छात्र रोना न शुरू कर दें। सीनियर बच्चे जूनियर को थप्पड़, जूते व रॉड से पिटाई करते थे। मामला स्कूल के प्रधानाचार्य के सामने आने पर तुरंत ही जमा दो के 7 सीनियर बच्चों को सस्पेंड कर दिया। वही मामले की जांच जिला उपायुक्त तक पहुंच गई।
उपायुक्त ने जांच का जिम्मा एडीसी ऊना को सौंपा, जिसके बाद सोमवार को एडीसी ने सीनियर व जूनियर बच्चों समेत परिजन भी पूछताछ के लिए अपने कार्यालय बुलाए, जहाँ पर बारी-बारी दोनों पक्षो को सुना गया। जानकारी के मुताबिक ऊना के एक विद्यालय में पिछले कुछ समय से जमा दो के 7 बच्चें दसवीं कक्षा के 21 बच्चों को परेशान करते थे। बच्चों का आरोप है कि सीनियर छात्र उंनसे होमवर्क करवाते थे। कभी अपने कपड़े धुलवाते थे। इतना ही नहीं सुबह जल्दी उठने भी नहीं देते थे। सीनियर की बात न मानने पर उन्हें बुरी तरह पीटते थे।
आरोप है कि सीनियर छात्र रॉड, जुत्ते व थप्पड़ो से पिटाई करते थे। रैगिंग का सारा खेल शाम ढलने के बाद से शुरू होता था, जो कि स्कूल लगने तक चलता रहता था। सीनियर छात्रों से परेशान बच्चों ने मामले की जानकारी अपने शिक्षकों को दी। मामला स्कूल प्रधानाचार्य के पास पहुंचने पर तुंरत एक्शन लेते हुए जमा दो के सात बच्चों को सस्पेंड कर दिया गया है। एडीसी से हुई बैठक के दौरान परिजनों ने मांग उठाई की कि स्कूल के सभी ब्लॉक व होस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। साथ ही हर माह परिजनोंं की बैठक होनी चाहिए, ताकि बच्चों के शिक्षा स्तर व खामियों के बारे पता चल सके।
बैठक में परिजनों ने इस बात का भी खेद जताया गया कि मामले की जानकारी समय पर नहीं दी गई। उधर, एडीसी अरिंदम चौधरी का कहना है कि विद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आया है। स्कूल प्रधानाचार्य ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से जमा दो के सात छात्रों को निलंबित कर दिया है।मामले की जांच की जा रही है।