नाहन: पच्छाद विधानसभा के उप चुनाव से पहले भाजपा ने सराहां में एसडीएम कार्यालय को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी प्रदान कर तुरुप की चाल खेली है। यानि चुनाव में सियासत की बिसात पर शह-मात का खेल खेला है। वामन द्वादशी मेले के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सराहां एसडीएम कार्यालय का वायदा किया था। प्रदेश में तीन ही विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे, जहां पर एक से अधिक एसडीएम कार्यालय खुले हैं।
सिरमौर में पच्छाद ही एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र बन गया है, जहां सराहां व राजगढ़ में अलग-अलग एसडीएम बैठेेंगे। पच्छाद उप चुनाव को लेकर हालांकि कांग्रेस ने गंगूराम मुसाफिर को ही मैदान में उतारने के संकेत दिए हैं, लेकिन भाजपा का सिपाही तय नहीं है। यह अलग बात है कि इस बार गिरिपार क्षेत्र से प्रत्याशी को उतारने की मांग हो रही है। अगर भाजपा गिरिपार से प्रत्याशी को उतारती है तो चुनाव जीतने का दूसरा अहम दाव होगा।
सराहां क्षेत्र की 30 पंचायतों के हजारों लोग एसडीएम कार्यालय की मांग दशकों से कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी राजगढ़ के एसडीएम को सराहां में 10 दिन का एसडीएम कार्यालय चलाने के निर्देश दिए थे। 2017 से तहसील कार्यालय में इसे चलाया भी जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश निर्माता के गृह निर्वाचन क्षेत्र पच्छाद का एक बड़ा हिस्सा गिरिनदी के पार व दूसरा गिरिनदी के आर रहता है। गिरिआर रहने वालों को मामूली कार्य के लिए 100 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती थी।
उधर शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने सरकार के इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सराहां क्षेत्र के हजारों लोगों की दशकों पुरानी मांग को जयराम सरकार ने पूरा कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान इस मांग को लेकर आश्वासन दिया गया था। इसकी कसौटी पर भाजपा खरी उतरी है। कश्यप ने कहा कि एसडीएम कार्यालय को तत्काल प्रभाव से शुरू करने के लिए भी कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं।
बहरहाल जयराम सरकार के इस फैसले से कांग्रेस में खलबली होगी, क्योंकि इसका सीधा असर उप चुनाव पर भी पड़ सकता है।