एमबीएम न्यूज/नाहन
हिमाचल पथ परिवहन निगम के जांबाज़ चालकों के कई किस्से सामने आते रहे हैं। अब भी यही मानना पडे़गा कि 10 से 12 घंटे डयूटी कर चालक अपना कर्त्तव्य तो निभा रहे हैं। लेकिन इसका असर स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। दरअसल हरिपुरधार-चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली बस में सफर करने वाले कुछ यात्रियों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से संपर्क साध कर बताया कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दो चालकों को बगैर आराम दिए लगातार डयूटी करवाई जा रही है।
इस पर पड़ताल करने के बाद चौंकाने वाली बातें सामने आई। पता चला कि एक चालक हरिपुरधार से सुबह साढ़े 4 बजे चलता है। बस लगातार 7 घंटे के सफर के बाद चंडीगढ़ पहुंचती है। इसके बाद इसे दोपहर 12ः40 बजे वापस नाहन साढे़ तीन बजे पहुंचना होता है। अब तक चालक का सफर 10 घंटे पूरा हो जाता है। मात्र दो घंटे बस की रिपेयरिंग व कैश इत्यादि जमा होने के बाद चालक को शाम 5ः30 बजे कौलावालाभूड रवाना कर दिया जाता है। इस 10 घंटे में पौने 2 घंटे ओर जुड़ जाते हैं। यानि लगभग चालक को 12 घंटे डयूटी करनी पड़ती है।
जुटाई जानकारी के मुताबिक कौलावालाभूड के चालक के छुट्टी चले जाने के बाद दो चालकों रोहित चौहान व नरेश को अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई। चंद रोज पहले नरेश की हालत इतनी खराब हो गई कि चंडीगढ़ काउंटर पर बीपी लो हो जाने की वजह से पीजीआई में दाखिल करवाया गया। इस रोज रूट भी फेल हुआ। नरेश की जगह अब अन्य चालक नरेंद्र को डयूटी सौंपी गई है, जो लगातार दो दिन से इसी तरह की डयूटी करता आ रहा है। सवाल इस बात पर उठता है कि तड़के साढे़ 4 बजे पहाड़ी इलाके से चलकर चंडीगढ़। इसके बाद कौलावालाभूड़ तक सैंकड़ों सवारियां सफर करती हैं। शायद ही निगम का कोई अधिकारी 12 घंटे तक लगातार बैठकर ही सफर कर पाया हो। यहां चालकों को सवारियों की सुरक्षा के साथ खुद की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होती है।
जानकारों का कहना है कि वक्त आ चुका है, जब निगम को चालकों की कमी का रोना बंद करना पडे़गा। क्योंकि ऐसी विकट परिस्थितियों में किसी संभावित अनहोनी को चालक कब तक टालेंगे। सनद रहे कि कौलावालाभूड़ से बस सुबह 8ः30 बजे चलती है। 10 बजे नाहन पहुंचने के बाद इसे 11ः40 पर चंडीगढ़ के लिए रवाना किया जाता है। 3 बजे चंडीगढ़ से सीधे हरिपुरधार का सफर शुरू होता है।
उधर, क्षेत्रीय प्रबंधक राषीद शेख का कहना है कि चालकों व परिचालको की कमी के कारण इस तरह की स्थिति पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि नाहन डिपो में लगभग 50 चालक शॉर्ट हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक का कहना था कि नई नियुक्तियों के बाद समस्या का समाधान हो जाएगा।