एमबीएम न्यूज/नाहन
सिरमौर की पहाड़ी बाला शालिनी शर्मा( 26) ने कुशाग्र बुद्धि व कड़ी मेहनत की बदौलत जीवन में मुकाम अर्जित करने में सफलता हासिल की है। इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट के कोलकाता कैंपस में दाखिला हरेक होशियार छात्र का सपना होता है। देश के सबसे पुराने व प्रतिष्ठित संस्थान से कमरऊ तहसील के दुगाना में रमेश कुमार व मीरा शर्मा के घर जन्मी शालिनी ने IIM कोलकाता से एमबीए की डिग्री हासिल की है। इसके बूते कैंपस प्लेसमेंट से शालिनी का चयन आकर्षक पैकेज पर मुंबई की एक निजी कंपनी ने किया है। मेधावी बेटी के पिता भूतपूर्व सैनिक रमेश शर्मा इस वक्त पुलिस के वायरलैस विंग में तैनात हैं।
जमा दो की पढ़ाई नाहन के नवोदय स्कूल में पूरी करने के बाद जमा दो की परीक्षा में शालिनी ने 92.4 प्रतिशत अंक हासिल कर एनआईटी हमीरपुर में दाखिला पाया। स्कूल की पढ़ाई में लगातार सात साल तक टॉपर रही। बी टेक की डिग्री हासिल करने के बाद शालिनी ने निजी क्षेत्र में नौकरी के साथ-साथ कैट की परीक्षा की तैयारी की। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मेहनत का लोहा मनवाते हुए शालिनी को आईआईएम के कोलकाता कैंपस में दाखिला मिल गया। पढ़ाई में ही नहीं,बल्कि शालिनी खेलों में भी आगे रही। टेबल टेनिस में राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। बीटेक के सीजीपीए में शालिनी को 10 में से 9.01 अंक हासिल हुए थे।
अहम बात है कि शालिनी ने पढ़ाई के दौरान ही सिंगापुर, जापान, फ्रांस, इटली, बैल्जियम, स्पेन, ब्राजील के अलावा 12 देशों का भ्रमण भी किया। बड़ी बहन माइक्रो बॉयोलॉजी में एमएससी कर रही है तो एक भाई एनआईटी हमीरपुर में एम टैक की पढ़ाई कर रहा है। शालिनी ने छोटी उम्र में यह मुकाम हासिल कर माता-पिता के अलावा नवोदय विद्यालय नाहन व एनआईटी हमीरपुर का गौरव भी बढ़ाया है। मूलतः दुगाना का रहने वाला परिवार अब जान्दनिया गांव में सैटल है। होनहार बेटी चंद रोज पहले 6 अप्रैल 2019 को पासआउट हुई है,माता -पिता भी इन पलो के साक्षी बने।
एजुकेशन लोन से की मैनेजमेंट की पढ़ाई
माता- पिता की होनहार बेटी ने परिवार को इस बात की भनक नहीं लगने दी कि वह निजी क्षेत्र में नौकरी करने के साथ-साथ कैट की परीक्षा की तैयारी भी कर रही है। आप यह भी जानकर हैरान हो जाएंगे कि इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनजमेंट कोलकाता के कैंपस में पढ़ाई के दौरान मेधावी बेटी ने परिवार से फीस चुकाने के लिए कोई राशि नहीं ली,बल्कि बैंक से एजुकेशन लोन लेकर पढ़ाई को पूरा किया। अब निजी क्षेत्र में बेहतरीन नौकरी मिलने के बाद एजुकेशन लोन को भी चुकाएगी। उल्लेखनीय है कि आईआईएम की पढ़ाई के लिए औसतन 20 से 25 लाख रुपए खर्च हो जाता है,बैंक मेधावी छात्रों को एजुकेशन लोन प्रदान करने के लिए हर पल तैयार रहते हैं। दीगर बात है कि अमूमन आईआईटी जैसे संस्थानों से बीटेक करने वाले युवा ही आईआईएम के नामी केंपस में पहुंचते हैं, लेकिन सिरमौर की बेटी ने एनआईटी हमीरपुर से बीटेक करने के बाद आईआईएम के कोलकाता कैंपस में दाखिला हासिल किया था। पिता का कहना है कि शालिनी बीटेक की पढ़ाई करने के बाद अपना खर्चा खुद ही उठाती रही,यहां तक की आई आईएम की फीस भी एजुकेशन लोन के माध्यम से चुकाई।
बोली …
एमबीएम न्यूज़ से बातचीत में शालिनी का कहना था कि पहले लोन अदा करेंगी। फिर इसी दिशा में आगे बढ़ना है। शालिनी का कहना था कि कॉरपोरेट जगत में स्काई ही लिमिट होती है। उन्होंने माना कि हिमाचली मेहनती होते है,लेकिन एक्सपोज़र की कमी के कारण राष्ट्र स्तर पर पीछे रह जाते है।