एमबीएम न्यूज/नाहन
सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। मेहनत, लगन व ईश्वरीय कृपा से व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। अधीरता, अधूरे प्रयास व्यक्ति को लक्ष्य से भटकाते हैं। नाहन के समीप धीरथ के रहने वाले सिपाही अमित शर्मा इसी जज्बे को लेकर आज सब इंस्पेक्टर के पद पर पहुंचे हैं। हालांकि अभी प्रशिक्षण होना बाकी है, मगर शनिवार को आए परीक्षा परिणाम में अमित शर्मा ने सफलता प्राप्त की है।
10 मार्च 1995 को जन्में अमित शर्मा के संघर्ष की दास्तां बेहद मार्मिक है। ग्रैजुएशन के दौरान पिता अमर दत्त शर्मा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। निजी क्षेत्र में बद्दी में कार्यरत पिता को लीवर से संबंधित बीमारी थी। आर्थिक रूप से भी परिवार इतना मजबूत नहीं था। माता प्रभा शर्मा ने बेटे को शिक्षा दिलाने के लिए खूब संघर्ष किया। नालागढ़ कॉलेज से बीएससी करने के बाद अमित आगे पढ़ना चाहते थे। मगर आर्थिक हालत उनके पक्ष में नहीं थे। थक-हार कर अमित ने 2016 में हिमाचल पुलिस में सिपाही की भर्ती में भाग्य आजमाया। वह चुन लिए गए।
वर्तमान में छठी आईआरबी कोलर में सिपाही के पद पर तैनात हैं। आज जैसे ही उन्हें एमबीएम न्यूज के माध्यम से सब इंस्पेक्टर परीक्षा में उत्तीर्ण होने की सूचना मिली तो मारे खुशी के वो फूले नहीं समाए। मां व पिता के संघर्ष को सफलता में बदल कर अमित आज ढेरों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बने हैं, जो असफलता के बाद लाख बहाने बनाकर दोष सिस्टम पर थोप देते हैं। अमित के जीवन का मूलमंत्र सही दिशा में योजनाबद्ध तरीके से किए जाने वाला हार्डवर्क है। उनका मानना है कि मेहनत करने वालों को भले ही सौ फीसदी न मिले, मगर 80 प्रतिशत कोई नहीं छीन सकता।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उनका मूलमंत्र है, अध्ययन को रूचिकर तरीके से अंजाम दें। बोझ समझकर किए गए अध्ययन का कोई लाभ नहीं होता है। अमित का मानना है कि सिरमौर में युवा अब कैरियर के प्रति बेहद संजीदा हैं। आने वाले समय में यूपीएससी व एचएएस जैसी परीक्षाओं में यहां के युवक बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। सफलता का श्रेय उन्होंने अपनी माता प्रभा शर्मा को दिया। दो बड़ी बहनों के इकलौते भाई अमित ने अपनी सफलता में उनके योगदान को भी सफलता का मूलमंत्र बताया।