एमबीएम न्यूज / नाहन
सतौन की सडक़ों पर करीब डेढ़ माह से बेसहारा भटक रही मनोरोगी अम्मा को अब सहारा मिल जाएगा। नर सेवा व नारायण सेवा की यह मुहिम युवाओं की टोली के माध्यम से रंग लाई है। इसकी अहम कड़ी पेशे से शिक्षक नीता राम भारद्वाज बने हैं।
शिक्षक होने के साथ-साथ एक समाजसेवी के रूप में कार्य कर रहे नीता राम भारद्वाज को सुनील शर्मा व मदन चौहान के माध्यम सेे मनोरोगी वृद्ध के बारे में सूचना मिली थी। इसके बाद नीता राम भारद्वाज ने वृद्ध अम्मा से मुलाकात की, लेकिन भाषा को समझ नहीं पाए। फिर इसकी सूचना उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी सुरेंद्र व राजबन पुलिस को दी गई। नीता राम भारद्वाज ने शुक्रवार शाम को भी पुलिस चौकी से मदद की गुहार लगाई, ताकि अम्मा को आसरा मिल जाए।
मंगलवार को भी राजबन पुलिस चौकी से संपर्क साधा गया। युवाओं की टोली व उमंग फाउंडेशन के प्रयासों से राजबन पुलिस ने वृद्ध महिला की सुपुर्दगी ले ली है। इसके बाद न्यायिक मैजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करने के बाद नारी निकेतन भिजवा दिया जाएगा। नीता राम भारद्वाज ने उमंग फाउंडेशन की मुहिम से जुडऩे के लिए सुनील शर्मा व मदन का दिल की गहराईयों से आभार प्रकट किया है। इससे पहले भी शिक्षक नीता राम भारद्वाज दो मनोरोगियों को भजौन व सतौन से रेस्क्यू कर चुके हैं।
खुशी सांझा करते हुए उन्होंने बताया कि एक मनोरोगी को परिवार भी मिल गया है आर वह शिमला में उपचाराधीन है। कुल मिलाकर नीता राम जैसी शख्सियत समाज की एक पहचान है, जिनका जीवन में एक लक्ष्य यह भी है कि सडक़ों पर कोई भी मनोरोगी न मिले। इन्हीं पंक्तियों को नीता राम भारद्वाज सार्थक करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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