शिमला (शैलेंद्र कालरा): करीब-करीब 72 घंटे के भीतर कंडा जेल से फरार तीनों कैदियों को वापस सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। एसपी सौम्या सांबशिवन पूरा दिन अपनी टीम के साथ सुबाथू के नजदीक जंगलों की खाक छानती रही। पुख्ता जानकारी के मुताबिक हत्या के विचाराधीन कैदी लीलाधर व प्रताप सिंह को शुक्रवार शाम करीब साढ़े 4 बजे सुबाथू के रडियाना गांव के जंगल से गिरफ्तार किया गया है।
इसके बाद खुद मौके पर मौजूद एसपी की टीम ने तीसरे कैदी की जंगल में सघन तलाश शुरू कर दी। करीब आधे घंटे के बीच ही तीसरे कैदी को भी दबोच लिया गया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को शिव मंदिर के समीप तीन नेपालियों को देखे जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद सूचना देने वाले लोगों को पुलिस ने फरार कैदियों की फोटो दिखाई। पहचान हो जाने के बाद ही पुलिस ने बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। मौके पर एसपी के अलावा सोलन के एएसपी डॉ. मनमोहन सिंह, विद्या चंद नेगी व हितेंद्र इत्यादि अधिकारी भी मौजूद थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैदियों ने 14 जीटीसी सुबाथू के ठीक नीचे जंगल में छिपने के लिए शरण ली थी, जो कालका से हावड़ा एक्सपे्रस ट्रेन पकडऩे की फिराक में थे। बताया जा रहा है कि ट्रेन नियमित नहीं आती, लिहाजा छिपे रहने की कोशिश की गई। सूत्रों के मुताबिक कैदियों के सर्च ऑपरेशन में शिमला पुलिस के 50 जवान, जेल विभाग के 30 व बटालियन के 15 जवान लगे हुए थे। इसके अलावा सोलन पुलिस ने भी पूरा सकारात्मक सहयोग दिया हुआ था।
उधर एसपी सौम्या सांबशिवन ने दो अन्य कैदियों की गिरफ्तारी की भी पुष्टि की है। उल्लेखनीय है कि कंडा जेल से फरार एक कैदी को आज तडक़े ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
बता दें कि मंगलवार रात्रि कंडा जेल के बैरक नंबर चार से तीनों कैदी फरार हो गए थे। नेपाली मूल के तीनों कैदी हत्या और बलात्कार के संगीन जुर्म में जेल में बंद थे। इन्हें बैरक नंबर चार में रखा गया था। जानकारी अनुसार इन्होंने पहले आरी से जेल की सलाखें काटीं और फिर सोने को मिले कंबल से 16 फीट उंची जेल की दीवार को फांद कर भाग गए। इसके बाद जेल प्रशासन ने रात्रि डयूटी पर तैनात दो संतरियों को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया था। पुलिस प्रशासन ने फरार कैदियों की तलाश में सभी सीमाएं सील कर दी थीं और इनके फोटो जारी करते हुए सूचना देने वाले को ईनाम देने का एलान किया था।