नाहन: कन्या भ्रूण हत्या रोकने व कन्या जन्म अनुपात दर बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई पीएनडीटी के तहत जिला सलाहकार समिति की सामवार को द्विमासिक बैठक नाहन में हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सुरेन्द्र गांधी ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सभी वर्गों का जागरूक होना आवश्यक है। प्रदेश सरकार द्वारा एक कन्या के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाने पर 25 हजार रूपये तथा दो कन्याओं के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाने पर 20 हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में बेटी है अनमोल कार्यक्रम आरम्भ किया गया है। लेकिन इसके लिए सबसे पहले कोख के हथियारों पर पैनी नजर रखनी होगी। जिसके लिए सभी स्वयं सेवी संस्थाओं तथा आम जनता की भागीदारी होनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ज़िला में जनवरी, फरवरी, मार्च माह तक 15 अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी ज़िला के अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों का औचक निरीक्षण करने में तेजी लाई जाएगी। ज़िला की दूसरे राज्यों के साथ लगते पांवटा साहिब में स्थापित अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों को निर्देश दिए गए कि वे विशेष तौर पर ऐसे परिवारों जहां एक या दो कन्याएं हैं, उनकी संघन रूप से जांच की जाए। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों तथा निजी क्षेत्र में कार्यरत अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों के मालिकों को निर्देश दिए कि वे गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण रिकार्ड पूर्णतया दर्ज करें तथा प्रसव होने के 45 दिन तक उसका अवलोकन करते रहें। ताकि लिंग अनुपात में होने वाली विसंगतियों पर काबू पाया जा सके। ज़िला, खण्ड तथा पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाली सभाओं मंे जन प्रतिनिधियों को कन्या भू्रण हत्या पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है। ताकि कन्या भ्रूण हत्या रोकने व कन्या जन्म अनुपात दर बढ़ाने के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जा सके। इस अवसर पर ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 सुनिल गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ0 शूची महाजन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ0 एसएम अली, रेडियोलोजिस्ट डॉ0 सुमाला कपिला, बीआर वर्मा, एमए अन्सारी, राजेश बड़ोगा उपस्थित थे।