नालागढ़, 22 जुलाई : देश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत माजरा गांव में एक गरीब परिवार के कुएं का पानी खराब होने का मामला सामने आया है। गरीब परिवार द्वारा बताया गया कि कुछ महीने पहले उनके कुएं से भी साफ पानी निकलता था, लेकिन अब उनके कुएं का पानी बिल्कुल ही दूषित हो चुका है। जिसके कारण बीते दिनों उनके एक दुधारु पशु की भी कुएं के जहरीले पानी को पीने से मौत हो चुकी है।
पीड़ित परिवार ने 1100 सीएम हेल्पलाइन नंबर एवं पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड बद्दी व सीएम जयराम ठाकुर से की शिकायत ,कार्रवाई की मांग उठाई है। परिवार के लोगों का कहना है कि जब उन्होंने गांव से बाहर निकल कर अपना मकान बनाया था तो करीब 20 वर्ष पहले यहां पर एक पीने के पानी के लिए कुआं भी खुदवाया गया था। उनका कहना है कि लगातार 20 वर्षों से वह इसी कुएं का पानी पी रहे हैं, जिससे उन्हेँ किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो रही थी। लेकिन अब कुछ महीनों से कुएं का पानी जहरीला हो चुका है जिसके कारण उनके पूरे परिवार में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है।
पीड़ित परिवार ने कुएँ के पानी को दूषित होने का आरोप गांव में ही एक बने ठोस कचरा प्लांट पर लगाया है। परिवार का कहना है कि सॉलिड वेस्ट प्लांट में ठोस कचरा पूरे हिमाचल से आता है और यहां पर उस कचरे को सही ढंग से ट्रीट नहीं किया जाता, जिसके कारण इस कचरे से निकलने वाला केमिकल युक्त जहरीला वेस्ट जमीन के अंदर पूरी तरह से समा चुका है, जिसकी वजह से उनके कुएं का पानी जहरीला हो चुका है और अब इस कुएं का पानी पीने लायक नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि हर महीने सॉलिड वेस्ट प्लांट से लोग उनके कुएं के सैंपल लेते थे, लेकिन कभी भी उन्हें लिए गए सैम्पलों की रिपोर्ट तक नहीं दी गई।
परिवार की मानें तो कंपनी द्वारा सॉलिड वेस्ट प्लांट के ठोस कचरे को सही ढंग से ट्रीट ना करके ऐसे ही लीपापोती करके जमीन के अंदर दफना दिया जाता है। जिससे अब आसपास की जमीन का पानी दूषित होना शुरू हो चुका है। पीड़ित परिवार ने साफ तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके परिवार के एक व्यक्ति द्वारा भी इस कंपनी में करीब 5 साल तक काम किया है और उन्हें पता है कि इस सॉलिड वेस्ट प्लांट के अंदर किस तरह से काम होता है।
परिवार ने सीएम जयराम ठाकुर से इस सॉलिड वेस्ट प्लांट को बंद करवाने की मांग उठाई है। साथ ही पीड़ितों ने सरकार व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस सॉलिड वेस्ट प्लांट के ऊपर कार्रवाई नहीं की गई तो वह आने वाले दिनों में धरना प्रदर्शन करने को भी मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी।
इस बारे में जब हमने शिवालिक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के सीओ अशोक शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके प्लांट के अंदर से 1% भी वेस्ट पानी बाहर नहीं जाता है उन्होंने कहा कि उनके प्लांट के अंदर अगर वेस्ट ठोस कचरे को नष्ट करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है तो उसकी भी समय-समय पर सैम्पलिंग कर जांच की जाती है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी कुएं का पानी खराब हुआ है तो इसको लेकर वह भी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से एवं प्रशासन से एक कुएं की नहीं, बल्कि आसपास के जितने भी कुएं है, उनकी सैंपलिंग करके जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सालों से यहां पर उनका प्लांट चल रहा है और ऐसी कभी भी कोई शिकायत सामने नहीं आई है।