एमबीएम न्यूज़ /नाहन
शिक्षक पिता से प्रेरणा लेकर ट्रांसगिरि क्षेत्र की बेटी पुष्पा राणा कबड्डी के क्षेत्र में फलक छुने को बेकरार है। हर हालत में 2022 के एशियन गेम्स में भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लिए जमकर पसीना बहा रही है। हाल ही में पुष्पा प्रदेश की उस टीम के सदस्य थी,जिसने “खेलो इंडिया” में स्वर्ण पदक पर कब्जा कर समूचे प्रदेश का नाम देशभर में गौरवान्वित किया। उल्लेखनीय है कि कबड्डी की होनहार खिलाड़ी पुष्पा के पिता जयपाल राणा भी नेशनल प्लेयर रह चुके हैं। कबड्डी खिलाड़ी पुष्पा ने + 1 की कक्षा से कबड्डी खेलना शुरू किया। इस वक्त साईं हॉस्टल धर्मशाला में रहकर कबड्डी में अपनी प्रतिभा को निखारने में लगी हुई है। शिलाई उपमंडल के मिल्ला गांव की रहने वाली पुष्पा ने अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 10 स्वर्ण पदक हासिल किए हैं,जबकि 4 रजत व 4 कांस्य पदक भी हासिल कर चुकी हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत के दौरान पुष्पा राणा ने कहा कि सीनियर ट्रायल की वजह से वह खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक लेने के बाद घर नहीं आ सकी है। उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि 2022 के एशियन खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा बने। पुष्पा ने बताया कि रोजाना 6 घंटे कबड्डी की प्रैक्टिस रहती है, इस वक्त बीए (ग्रेजुएशन) की पढ़ाई भी कर रही हैं। घर पर चार बहन व भाइयों के इलावा ग्रहणी मां चंपा देवी भी बेटी की काबिलियत से खुश हैं,साथ ही परिवार चाहता है कि पुष्पा आने वाले समय में भी देश व प्रदेश का नाम रोशन करें।
अहम बात यह है कि महिला कबड्डी में सिरमौर के दूरदराज क्षेत्रों में पनीरी तैयार हो रही है। करीब एक दर्जन लड़किया कबड्डी में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। 21 साल की पुष्पा कबड्डी की ऑलराउंडर खिलाड़ी है,यही कारण है कि भारतीय टीम का हिस्सा बनने में पुष्पा की प्रबल संभावना है। यह बात अलग है कि पुष्पा को यह मौका कब मिलता है।