सोलन, 26 अगस्त : हिमाचल के सोलन शहर में बीडीओ कार्यालय के समीप रहने वाली एक तीन माह की गर्भवती महिला (Pregnant Lady) ने अपनी पीड़ा साझा की है। दरअसल, एक वीडियो शेयर किया है। महिला ने सवाल उठाया कि मंगलवार को तीन दिन बाद उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी तो शाम होते-होते ये पॉजिटिव कैसे हो गई। इसके अलावा जहां महिला को शिफ्ट किया गया है, वहां भी गंदगी फैली हुई है।
हालांकि रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग यह मान रहा है कि पहले महिला को नेगेटिव बताया गया था, लेकिन ये एक गलती थी, क्योंकि कई बार एक नाम के कई पेशेंट होते हैं। सवाल यह भी है कि संवेदनशील मामलों में विभाग संयम क्यों नहीं रखता। महिला द्वारा आइसोलेशन रूम में ही वीडियो बनाया गया है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोरोना संक्रमण को लेकर अब भी एक सही नीति को नहीं अपनाया जा रहा।
प्रश्न जस का तस है कि जब तक सही तरीके से रिपोर्ट तैयार नहीं हुई थी तो कई घंटों पहले गर्भवती को क्यों नेगेटिव बता दिया गया। इसके अलावा अगर महिला पॉजिटिव आ भी गई थी तो उसे रखने के लिए पहले होम आइसोलेशन का विकल्प क्यों नहीं तलाशा गया।
बता दें कि इस समय राज्य सरकार होम आइसोलेशन को भी मंजूरी दे चुकी है। उधर स्वास्थ्य विभाग के सर्विलांस ऑफिसर डॉ० एनके गुप्ता ने कहा कि इस मामले की तहकीकात की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि पहले महिला को नेगेटिव बता दिया गया था। उन्होंने कहा कि कई बार गलती की गुंजाइश इस कारण होती है क्योंकि एक ही नाम से कई लोग होते हैं।
उधर जब इस मामले में सोलन के डीसी केसी चमन से बात की गई तो उन्होंने माना कि यह स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक बहुत बड़ी गलती हुई है। उन्होंने बताया कि विभाग को निर्देश दिए हैं कि महिला की कांटेक्ट हिस्ट्री को खंगाला जाए। साथ ही महिला के कांटेक्ट में जो भी लोग आए हैं, उनके जल्द से जल्द सैंपल लिए जाएं। उन्होंने माना कि विभाग द्वारा यह बहुत बड़ी चूक हुई है, जिस पर कार्रवाई की जाएगी।