नाहन : कहते हैं, जब आप की नीयत साफ हो व दिल से इंसानियत का जज्बा लिए हों तो भाग्य भी साथ देता है। ऐसा ही कुछ मंगलवार सुबह हुआ। कांगड़ा का रहने वाला अनिल कुमार जमटा के नामी रिजोर्ट ग्रैंड व्यू में कार्यरत है। मंगलवार सुबह जमटा में उसकी स्कूटी एक तरफ गिरी हुई थी और अनिल के शरीर से लगातार खून का रिसाव हो रहा था। रोंगटे खड़े कर देने वाली बात यह थी कि दुर्घटनाग्रस्त स्कूटी का पैट्रोल घायल के चारों तरफ फैल चुका था। मामूली सी चिंगारी भयावक नतीजा पैदा कर सकती थी।
बहरहाल, इसी बीच 48 घंटे की लंबी डयूटी करने के बाद फायर कर्मी तपेंद्र तोमर ददाहू लौट रहा था। एक बाइक सवार उसकी तरफ भागते-भागते आकर बताता है कि एक व्यक्ति सड़क पर लहूलुहान हालत में पड़ा हुआ है। पहले तो तपेंद्र उसे इस बात के लिए डांटता है कि मदद क्यों नहीं की। फिर एक पल गंवाए बगैर अनिल तक पहुंचता है। अब चूंकि थकान से बेपरवाह तपेंद्र की इंसानियत के प्रति नीयत शीशे की तरफ साफ थी, लिहाजा कुछ ही पल में ददाहू लौट रही एक एंबूलेंस भी मौके पर पहुंच गई। तुरंत ही एंबूलेंस के ड्राईवर व फायर कर्मी ने अनिल को प्राथमिक उपचार उपलब्ध करवाया।
एंबूलेंस चालक ने भी इंसानियत का परिचय देकर घायल को नाहन पहुंचाने की हामी भर दी। अब घायल के साथ कोई तिमारदार नहीं था तो तपेंद्र खुद ही तिमारदार की भूमिका में आ गया। यही नहीं, एंबुलेंस में शिफ्ट करने के लिए फायर बिग्रेड चालक मदन सिंह ने भी इम्दाद की, जो तपेंद्र को घायल के साथ छोड़कर ददाहू की तरफ बाइक पर रवाना हो गया। अंतिम जानकारी के मुताबिक अनिल कुमार को पीजीआई रैफर कर दिया गया है। अस्पताल में ग्रैंड व्यू रिजोर्ट के अन्य कर्मियों के पहुंचने के बाद तपेंद्र वापस फायर स्टेशन लौट आया।
इंसानियत की यह मिसाल कई मायनों में अलग है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि तपेंद्र ने घायल को उसके हाल पर ही बाद में भी नहीं छोड़ा। वो भी ऐसे वक्त में, जब खुद 48 घंटे की डयूटी से पूरी तरह से थका हुआ था। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में तपेंद्र ने कहा कि उन्होंने केवल इंसानियत का फर्ज निभाया है। उन्होंने कहा कि इस बात का अंदाजा नहीं है कि सोशल मीडिया में यह बात कहां से पहुंची।