नाहन : चंद सप्ताह पहले सिरमौरी बेटा कबीर दुबई के राजकुमार के शाही महल का विशेष मेहमान बना था। बेटियां भी पीछे नहीं हैं। मूलतः कच्चा टैंक की रहने वाली ईशा शर्मा ने विदेशी धरती मॉरिशस में प्रदेश को गौरवान्वित किया है। भारतीय उच्चायोग द्वारा संचालित इन्दिरा गांधी भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के वार्षिक समावर्तन समारोह में मॉरिशस के राष्ट्रपति ने ईशा को योगा के क्षेत्र में प्रथम स्थान अर्जित करने पर अलंकृत किया है।
उपलब्धि को छोटा इसलिए भी नहीं आंका जा सकता, क्योंकि इस प्रतियोगिता में मॉरिशस के अलावा अन्य देशों के प्रतिभागी भी हिस्सा लेते हैं। कार्यक्रम में केंद्र के निदेशक सहित भारत के उच्चायुक्त भी मौजूद थे। शुरू से ही ईशा को अपनी काबलियत पर विश्वास था, लिहाजा बेहतरीन सरकारी नौकरी छोड़ने में कतई गुरेज नहीं किया। जवाहर नवोदय स्कूल नाहन में पढ़ाई करने वाली ईशा ने 2015 में सरकारी नौकरी को अलविदा करने के बाद ओमान में निजी क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी। इसके बाद पति पंकज लामयान की नौकरी के सिलसिले में मॉरिशस में सैटल हो गई हैं। पति भी भारत व मॉरिशस के मैट्रो को लेकर संयुक्त प्रोजैक्ट पर कार्य कर रहे हैं।
बेटी की कामयाबी को देखने के लिए माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन ईशा कहती हैं कि माता-पिता के मार्गदर्शन व आशीर्वाद की वजह से ही इस मुकाम पर पहुंची हैं। ईशा का कहनाक है कि हरेक युवा को अपनी काबलियत पर विश्वास होना चाहिए। सरकारी नौकरियों के पीछे भागने की बजाय अपने हुनर व काबलियत के दम पर कैरियर बनाना चाहिए।
मॉरिशस से विशेष बातचीत में ईशा का यह भी कहना था कि उनका अपने पैतृक शहर से गहरा नाता है। जब भी समय मिलता है तो नाहन आना पहली प्राथमिकता होती है। उन्होंने कहा कि योगा से जुड़ी परीक्षा थ्यौरी के अलावा प्रैक्टिकल भी होती है। इसमें आपको दोनों पहलुओं से खुद को साबित करना होता है।
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