शिमला, 21 अक्तूबर: प्रशासनिक व्यवस्था में सरकार अब युवा अधिकारियों (Young Officers) पर अधिक भरोसा दिखा रही है। इसमें कोई अतिशयोक्ति (Exaggeration) भी नहीं है कि युवाओं के पास एक दूरदर्शी (Visionary) सोच होती है। शायद, काफी कम लोग इस बात से परिचित होंगे कि 34 साल की उम्र में हिमाचल की राजधानी में डीसी (DC) का ओहदा संभालने वाले आदित्य नेगी एक मर्तबा बैंक अधिकारी (Bank Officer) रहने के दौरान गरीब व्यक्ति का संघर्ष देखकर विचलित हो गए थे। तब यह ठान लिया था कि आईएएस (IAS) बनकर ही कुछ किया जा सकता है।
IAS आदित्य नेगी ने संभाला उपायुक्त शिमला का पदभार, ये रहेगी प्राथमिकता
पहले व दूसरे प्रयास में असफलता मिलने के बावजूद भी अपने इरादे से नहीं डगमगाए। लिहाजा, 2012 में वो मौका आ गया जब सफलता मिली। स्मार्ट वर्किंग (Smart Working) को पसंद करने वाले आईएएस आदित्य नेगी ने अपने कैरियर की शुरूआत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) में बतौर प्रोबेशनर ऑफिसर (Probationer officer) शुरू कर दी थी। महज तीन साल में अपनी काबलियत की वजह से रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank of India) जैसे प्रतिष्ठित बैंक (Reputed bank) में प्रबंधक भी बन गए। बैंक प्रबंधन ने आईएएस आदित्य को महाराष्ट्र में ग्रामीण शैली को धरातल पर देखने को भेजा था। इसी दौरान दो वक्त की रोटी के लिए एक गरीब व्यक्ति का संघर्ष देख विचलित हो गए थे।
चूंकि आरबीआई (RBI) में मैनेजर रहने के साथ-साथ यूपीएससी (UPSC) की भी तैयारी करनी थी तो उनके पास विशेष कोचिंग (Special coaching) लेने का समय नहीं था। सीनियर्स के मार्गदर्शन (Guidance of seniors) में यूपीएससी की तैयारी करने में जुटे रहे। वो बताते हैं कि इंटरनेट (Internet) के माध्यम से भी बेहतरीन सामग्री उपलब्ध हो जाती हैै। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव (Secretary of Pollution Control Board) की जिम्मेदारी संभालने से पहले सिरमौर में अतिरिक्त उपायुक्त (Additional Deputy Commissioner) रहने वाले आदित्य नेगी मूलतः किन्नौर के रहने वाले हैं। अपने साक्षात्कार (Interview) में पहले भी कई बार कह चुके हैं कि आईएएस की तैयारी के लिए हड़बड़ाना नहीं चाहिए। दुनिया भर की पुस्तकें पढ़ने की बजाय केवल पाठयक्रम (Syllabus) पर ही खुद को केंद्रित करना चाहिए।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM News Network) से बातचीत में शिमला के उपायुक्त (Deputy Commissioner) आदित्य नेगी (IAS Aditya Negi) ने कहा कि महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में बैंक अधिकारी(Bank Officer) के तौर पर जाने का मौका मिला। वहां गरीबी देखकर दिल विचलित हुआ। उन्होंने बताया कि हालांकि यूपीएससी (UPSC) की तैयारी पहले भी कर रहे थे,लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों (Rural areas) की गंभीर हालत देखकर इसे जल्द क्लियर करने के बाद एक प्रशासनिक अधिकारी(Administrative officer) बनने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर ही परिवार का यह सपना (Dream) होता है कि बेटा डीसी बने, पिता आरबीआई(Reserve bank of India) से ही रिटायर हुए। जबकि माता एक ग्रहणी है। उनका कहना था कि वह बचपन से ही सुनते थे। डीसी साहब ने ये किया, डीसी साहब ने बढ़िया काम किया । तो उनके जहन में कहीं ना कहीं यह बात होती थी कि यह पद आम लोगों की भलाई के लिए सार्थक होता है। यंग उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है, उसकी कसौटी पर खरा उतरने का हर संभव प्रयास करेंगे।