शिमला, 08 सितंबर : विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को स्थगन प्रस्ताव (Stay motion) पर चर्चा के दौरान बोलने का मौका न दिए जाने से नाराज होकर विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट (Walkout) कर दिया। दरअसल चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल (Health minister Rajiv Saijal) को दूसरी बार बोलने का मौका दिया गया, तो स्पीकर की व्यवस्था से नाराज हो गया और वे कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) को बोलने का अवसर देने की मांग करने लग गए। विधानसभा अध्यक्ष ने समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन विपक्ष ने नाराजगी जाहिर करते हुए सदन में नारेबाजी शुरू कर दी व सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष के वाकआउट की आलोचना करते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में कहा कि विपक्ष इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर चर्चा से भाग रहा है।
उन्होंने कहा कि अढ़ाई घंटे की चर्चा को दो दिन का समय दिया, लेकिन विपक्ष की भूमिका गैर जिम्मेदार है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल ने कहा कि कारोना से निबटने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए। विपक्ष ने प्रदेश में बढ़ती आत्महताएँ बढ़ने की बात कही है इसके पीछे कई वजह है। मानसिक तनाब इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। स्वास्थ्य विभाग ई- संजीवनी (E-sanjeevani) के माध्यम से 454 अस्पतालों व 360 प्राथमिक केंद्रों में ये केंद्र खोले गए है।
स्वास्थ्य विभाग के घोटाले पर डॉ राजीव सैजल ने बताया कि ये मामला सरकार या पार्टी से संबंधित नही है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के एक निदेशक का है, जिसको लेकर जांच पूरी ही चुकी है व चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां तक सचिवालय में सेनेटाइजर खरीद की बात है तो इसको लेकर कार्यवाही की गई है। मामले की जाँच अभी जारी है। बिलासपुर पीपीई किट मामले पर भी कार्यवाही अमल में लाई गई। उन्होंने कहा कि हर प्रणाली में कुछ न कुछ खामियां रहती है लेकिन बहुत खूबियां भी होती है जिसकी विपक्ष को तारीफ करनी चाहिए। लेकिन विपक्ष सिर्फ आलोचना कर रहा है जो उचित नही।
सरकाघाट के भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने अपने आप को चर्चा में शामिल करते हुए कहा कि कारोना सबके लिए चिंता का विषय है लेकिन विपक्ष एक नकारात्मकता इससे भी अधिक चिंता की बात है। सरकार ने समय रहते लॉकडाउन किया, जिससे महामारी को काफी हद तक रोकने में मदद मिली।
चर्चा में भाग लेते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि हिमाचल में कारोना को लेकर ठोस कदम उठाए नतीजतन हिमाचल में अन्य राज्यों के मुकाबले कम मामले आए। विपक्ष ने चर्चा में कहा गया कि सस्ती दुकानों में राशन महंगा कर जनता पर बोझ डाला गया। ये सरासर गलत है। सिर्फ एपीएल परिवारों के राशन में अनुदान कम किया गया है। गरीब परिवारों को अभी भी पहले की ही तरह राशन दिया जा रहा है। जहां तक करदाताओं की बात है तो भारत सरकार के अनुदान के मुताबिक उनको भी राशन दिया जाएगा।
विपक्ष की तरफ से कर्नल धनी राम शांडिल ने भाग लेते हुए कहा कि कारोना के शुरुआती दौर में ट्रम्प की यात्रा रोक दी जाती व मध्यप्रदेश में सरकार बनाने की होड़ छोड़ दी जाती तो कारोना रुक जाता। देश में कुप्रबंधन के कारण जीडीपी सबसे निचले स्तर पर है। भाजपा आनी विधायक किशोरी लाल ने चर्चा में भाग लेते हुए कारोना काल में सरकार के कार्यों की सराहना की ओर विपक्ष से पूछा कि जब सरकार कारोना से लड़ाई लड़ रही थी तब आप कहाँ थे?
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस रोहड़ू के विधायक मोहन लाल बरागटा ने कारोना काल में सरकार की नाकामी की बात कही। उन्होंने कहा कि कारोना काल में सरकार के कुप्रबंधन से लोगों को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। अपने प्रदेश से आने जाने के लिए पास तक नही बने। सेब सीजन में बागवानों को लेबर की कमी का दंश झेलना पड़ रहा है। बागवान अपने खर्चे पर लेबर लाई यहां तक कि लेबर के लिए जगह भी खुद देनी पड़ी। बाबजुद इसके कई लेबर के लोग कारोना पॉजिटिव पाए गए।
झंडूता के भाजपा विधायक जीत राम कटवाल ने कहा कि कारोना काल में सभी ने अपना अपना सहयोग दिया। कारोना का ईलाज अभी आया नही है वैक्सीन आई नही ऐसे में सिर्फ ऐतिहात ही बरते जा सकते थे। इस दिशा में सरकार ने काम किया। 1 लाख राशन किट इस दौरान बांटी, 26 लाख मास्क भाजपा ने बांटे।
धर्मशाला के भाजपा विधायक विशाल नेहरिया ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कारोना महामारी से मृत्यु दर विश्व के मुकाबले भारत में कम हुई है। ये पीएम मोदी की दूरदर्शिता का नतीजा है। हिमाचल में 0.7 मृत्युदर है जबकि रिकवरी रेट 72 फीसदी है। मामले भले ही बढ़ रहे है लेकिन टेस्ट भी ज्यादा हो रहे हैं। हिमाचल में सबसे ज्यादा परीक्षाएं करवाई गई एक भी मामला सामने नही आया।
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