शिमला: आचार्य गोपाल मणि महाराज ने मोदी सरकार से गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग उठाई है। उन्होंने देश के समस्त सांसदों व विधायकों से इसके लिए एकजुटता से कदम उठाने का आग्रह किया है। गोपाल मणि ने आज शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल की सरकारों द्वारा ही गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए हैं। अन्य राज्यों को भी इन मुद्दे पर गम्भीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गौवंश की रक्षा तभी संभव है, जब सरकार गाय को राष्ट्रमाता घोषित करेगी।
केंद्र सरकार को गौ मंत्रालय का गठन कर जगह-जगह गौशालाएं व नंदीशालाएं बनाकर गौवंश पालन में किसानों को सहयोग देना चाहिए। उन्होंने सरकार से गौ गणना करवाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसी के महत्व को तभी समझा जाता है, जब उसके प्रति सम्मान पैदा होता है। गाय के दूध, घी, दही, गोबर व गोमूत्र में चमत्कारिक औषधीय गुण हैं। जिनसे कई असाध्य बीमारियों का इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में गाय को माता के सामान पूजनीय माना गया है।
भारत के ऋषियों व मुनियों ने गहन रिसर्च और मंथन के बाद गाय की उपयोगिता को उजागर कर गाय को माता के समान माना है। लेकिन आज के दौर में कानून गाय को पशु की संज्ञा देता है। गोपालमणि ने बताया कि शिमला के राम मंदिर में शुक्रवार से पांच दिवसीय धेनुमानस गौ कथा का आयोजन किया जा रहा है। गौ कथा के माध्यम से आमजन को गौ संरक्षण के प्रति जुड़ने और जगाने का प्रयास किया जाएगा।