एमबीएम न्यूज़/नाहन
ट्रांस गिरी क्षेत्र में सदियों से बूढ़ी दिवाली की रिवायत है। असल दिवाली के एक महीने बाद बूढ़ी दिवाली का जश्न शुरू होता है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने 7 नवंबर को ही बताया था कि इलाके में परंपराएं बदल रहीं हैं। हालांकि रिवायतों को त्यागा नहीं जा रहा, लेकिन मुख्यधारा के पर्व भी मनाए जाने लगे हैं।
दरअसल अब खबर यह आई है कि ट्रांस गिरी के हावड़ा गांव में इस साल दिवाली का जश्न पूरे जोश से मनाया जा रहा है। लिहाजा यह भी माना जा सकता है कि खूबसूरत वादियों में बसे हावड़ा गांव को ऐसा पहला गांव बनने का रुतबा भी हासिल हो गया है, जहां दिवाली के दिन ही मिट्टी के दीए जलाकर त्यौहार को मनाया गया। यहां पहली बार दिवाली मनाई गई। यहां तक की सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित हुई।
दिवाली के फाग उत्सव को देखने के लिए आस-पास के 15 गांव के लोग यहां पहुंचे थे। गांव के बुद्धिजीवियों द्वारा पुरानी रिवायतों से जुड़ा एक नाटक भी तैयार किया गया था। इसमें सबक दिया गया कि बीमार होने पर रोगी का इलाज अस्पताल में होना चाहिए, न कि किसी पंडित को बुलाकर पूजा पाठ करवाया जाए। कुल मिलाकर हावड़ा गांव में दिवाली का जश्न चर्चा में है।