शिमला, 06 नवम्बर : हिमाचल कांग्रेस प्रभारी और सांसद राजीव शुक्ला ने भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र को जुमला पत्र करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इसमें अपने 2017 के चुनाव घोषणा पत्र में किए वादों को दोहराया है। बाकी कांग्रेस को वादों को कॉपी कर अपने मेनिफेस्टो में पेस्ट किया है। उन्होंने भाजपा नेताओं से कहा कि वे पहले अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करें और फिर 2017 में जनता से किए वादों को देखें और उसके बाद आगे की बात करे।
राजीव शुक्ला ने रविवार को शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में राज्य के कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं है। इसमें कर्मचारियों के बड़े मुद्दे ओपीएस का कोई जिक्र नहीं है। यह मांग यहां कर्मचारियों की है। कांग्रेस ने इस संबंध में एनपीएस कर्मचारियों को गारंटी दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी ओपीएस लागू करने की बात कही थी और उसे लागू किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो कहती है, उसे लागू करती है और ओपीएस इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने की गारंटी दी है और इसे भी पूरा किया जाएगा। 680 करोड़ रुपए का स्टार्टअप लाकर युवाओं को स्वरोजगार के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा को चुनाव घोषणा पत्र में कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को कॉपी किया है। इसके अलावा 2017 में किए गए वादों को घुमा फिराकर फिर से पेश किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 8 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही है और यह बात पिछले मेनिफेस्टो में भी थी।
अब यह रोजगार चरणबद्ध तरीके से देने की बात कही है और यह कितने समय में दिया जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस के स्टार्टअप योजना को कॉपी किया और अपने मेनिफेस्टो में डाल दिया। भाजपा कह रही है कि सेब के कार्टन पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा, जबकि कांग्रेस कह रही है कि कार्टन पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा और जो लग रहा है उसे भी हटाया जाएगा।
राजीव शुक्ला ने कहा कि उन्होंने भाजपा का पूरा मेनिफेस्टो देखा है और इसमें 2017 के मेनिफेस्टो को ही कई बिंदु पाए हैं। पिछले घोषणा पत्र में ग्रामीण सड़कों के निर्माण की बात कही थी और इस बार भी यही बात दोहराई गई है। पिछली बार देवभूमि दर्शन की बात थी तो इस बार इसका नाम बदलकर वही योजना लाई गई है। मुख्यमंत्री शगुन योजना में वीरभद्र सिंह सरकार में 40 हजार रुपए दिए जाते थे। भाजपा सरकार में इसे कम कर 31 हजार रुपए किया गया और अब 51 हजार रुपए देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर भाजपा का यह मेनिफेस्टो केवल मात्र लोगों को गुमराह करने वाला है।