शिमला: एचपीसीए में होने जा रहे चुनाव के आयोजन पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट प्लेयर संघ ने एचीपीसीए की चुनाव प्रक्रिया पर आपति जताई है। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व विधायक रामलाल ठाकुर ने शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि ये चुनाव लोढा कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार होना चाहिए।
एचीपीसीए द्वारा प्रशासक को मतदाताओं की गलत सूची सौंपी गई है, जिससे चुनाव पारदर्शी तरीके से होने की उम्मीद नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अनुराग ठाकुर के बाद अरूण धूमल के हाथों एचीपीसीए की कमान सौंपी जा सकती है। इस तरह एचपीसीए एक परिवार की संपति बन कर रह जाएगी।
रामलाल ने कहा कि पहले एचपीसीए ने लाईफ टाईम सदस्य बनाए तथा अब डोनर सदस्य बनाने का नया तरीका तलाशा है। लेकिन इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि डोनर सदस्य कौन होंगे।यह कहा गया है कि इनको 20 सालों तक वोट देने या चुनाव लडने का अधिकार होगा। पहले हर जिला से दो सदस्य होते थे, लेकिन अब इनकी संख्या घटाकर एक कर दी गई है। इससे एचपीसीए में खिलाडियों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा।
उधर, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट प्लेयर संघ ने चुनाव में मतदान करने वाले एचपीसीए एचपीसीए के चुनाव को सुप्रीम कोर्ट व लोढ़ा कमेटी के दिशानिर्देश के तहत करवाने की मांग उठाई है। संघ के प्रधान विजय सेन ने एक बयान जारी कर कहा है कि चुनाव के मतदाताओं के बारे में उन्हें कोई पता ही नहीं है। उन्होंने चुनाव अधिकारी मनीषा नंदा से मांग उठाई है कि चुनाव लोढ़ा समिति की सिफारिशों व सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शानुसार करवाया जाए। साथ ही इस चुनाव को करवाने की प्रक्रिया को भी सार्वजनिक किया जाए।
लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार केवल क्रिकेट खिलाड़ियों को ही वोटिंग का अधिकार प्राप्त है। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अनुसार एचपीसीए की राज्य व जिला इकाईयों की कार्यकारिणी व इनके सदस्य अयोग्य घोषित हैं।