शिमला (एमबीएम न्यूज़) : शिमला नगर निगम के नए मेयर व डिप्टी मेयर के चयन के बाद से भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग का सिलसिला तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कांग्रेस की तरफ से भाजपा पर जमकर निशाने साधे जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर उनके पार्षदों को खरीदने का गंभीर आरोप लगाया है।
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता व शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस के इन आरोपों का खंडन किया है। भारद्वाज ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को उनके खिलाफ चल रहे अदालती मामलों की ओर ध्यान देने की सलाह दी है। आज यहां प्रेस वार्ता में भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस सरकार और संगठन का विवाद जगजाहिर है और इसके चलते हर जगह कांग्रेस की किरकिरी हो रही है।
इस विवाद से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस के बडे नेता भाजपा पर पार्षदों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि मेयर-डिप्टी मेयर के चुनाव से पहले कांग्रेस ने भाजपा के कई पार्षदों को सत्ता का प्रलोभन दिया। पार्षदों को मेयर व चेयरमेन जैसे ओहदे दिए जाने के ऑफर किए। यही कारण था कि मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव तक भाजपा को अपने सभी पार्षद छुपा कर रखने पड़े। कांग्रेस ने वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में भी इस तरह का खेल खेला था।
भारद्वाज ने कहा कि पूरे देश से कांग्रेस की विदाई हो रही है। इससे भयभीत होकर कांग्रेस के अपने ही पार्षद पार्टी छोड़ने को आतुर हैं। इसका संकेत मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में देखने को मिला, जब कांग्रेस के एक प्रत्याशी का मेयर चुनाव में रद हुआ और डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा के पक्ष में मत हुआ। उन्होंने कहा कि निगम चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। शहरी सीटों में भाजपा बहुत कम मार्जन से हारी, जबकि अन्य सीटों पर भाजपा की जीत सैंकड़ों में रही है।