मंडी: जोनल हॉस्पिटल मंडी में कोरोना टैस्ट की मशीनें तो तैयार हैं लेकिन इसके लिए सरकार से परमिशन और किट व कारट्रेज का इंतजार किया जा रहा है। बता दें कि कोरोना वायरस के टैस्ट को दो प्रकार की मशीनों के माध्यम से किया जाता है और यह दोनों मशीनें ही जोनल हास्पिटल मंडी में उपलब्ध हैं। इनमें से पहली मशीन है पीसीआर मशीन। 2016 में लगभग 40 लाख की लागत से इस मशीन को स्थापित किया गया था। इसी मशीन से कोरोना वायरस के टैस्ट होते हैं लेकिन इसमें एक किट लगती है जिसे कोविड-19 किट कहा जाता है।
सीएमओ मंडी डा. जीवानंद चौहान ने बताया कि कोविड-19 टैस्ट की किट को आईसीएमआर देश भर में जारी करता है और जब वहां से यह किट और परमिशन प्राप्त होगी तो यहां पर कोरोना वायरस के टैस्ट करने शुरू कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में विभाग के उच्चाधिकारी और सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
वहीं सीबी नेट मशीन के माध्यम से भी कोरोना के टैस्ट किए जा रहे हैं। इस माध्यम को आसान माना जा रहा है। यह मशीन भी जोनल हॉस्पिटल मंडी की पीसीआर लैब में स्थापित है। यही नहीं यह सीबी नेट मशीन मेडिकल कॉलेज नेरचौक में भी उपलब्ध है क्योंकि इसे टीबी प्रोग्राम के तहत मुहैया करवाया गया है। इस मशीन की लागत लगभग 20 लाख के करीब बताई जा रही है। इस मशीन के माध्यम से टैस्ट करने के लिए कोविड-19 कारट्रेज की जरूरत रहती है।
सीएमओ मंडी डा. जीवानंद चौहान ने बताया कि विभाग के सचिव ने जल्द ही यह कारट्रेज उपलब्ध करवाने की बात कही है और अगर यह उपलब्ध हो जाती है तो फिर जोनल हॉस्पिटल मंडी और मेडिकल कॉलेज नेरचौक में कोरोना के टैस्ट किए जा सकेंगे। बता दें कि अभी तक मंडी जिला में कोरोना वायरस के टैस्ट की कोई सुविधा मौजूद नहीं है। अभी तक जिला के 16 संभावित लोगों के टैस्ट किए जा चुके हैं और इन सभी सैंपल को सरकारी गाड़ी से टांडा भेजा जाता है जहां से ऑनलाइन रिपोर्ट आती है। अगर मंडी में यह सुविधा शुरू हो जाती है तो फिर इस झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।