सुंदरनगर : उपमंडल की डूगराई पंचायत के रड़ू गांव के रजत को न्याय दिलवाने के लिए अब प्रदेश के पूर्व प्रशासनिक व वर्तमान में कानूनी सलाहकार बीआर कोंडल आगे आए हैं। मीडिया में खबर लगने के बाद उन्होंने रजत के बारे में पूरी जानकारी लेना शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि रजत के साथ अगर अन्याय किया होगा तो हाई कोर्ट से निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा की इस बारे में जो कानूनी पक्ष होगा उस पर गंभीरता से गौर किया जाएगा।
उन्होंने कहा की जो बच्चा मुह से लिख कर नीट जैसी परीक्षा पास कर सकता है। वह क्या मुँह से दवाई नहीं लिख सकता। उन्होंने कहा की अगर मेडिकल बोर्ड रजत को डॉक्टर बनने का मौका देता है तो पूरे देश में एक मिसाल पेश होगी की हिमाचल में दिव्यांगता को हराकर एक मेधावी डॉक्टर बना। उन्होंने कहा कि एक तरफ दिव्यांगों को सरकारें स्वावलंबी बनाने की बात कर रही है।
वहीं दूसरी तरफ दिव्यांगों को इस तरह से दरकिनार किया जा रहा है। बीआर कोंडल द्वारा इस मामले को हाई कोर्ट के सामने रखने पर रजत के परिवार ने ख़ुशी जताई है। वही कोंडल ने कहा की बिजली की तारों से करंट लगने के 12 वर्ष बाद भी रजत को सरकार और बिजली बोर्ड की तरफ से कोई मुआबजा नहीं मिल पाया है। जिसके लिए वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
रजत के पिता जयराम ने बताया कि उनके बेटे को जो एमबीबीएस की सीट मिली थी। उसे उस के तहत ही मेडिकल पढ़ने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा की उनका बेटा शारीरिक तौर पर बेशक अक्षम है। मगर वह हाथों से नहीं तो कम से कम मुँह से ओपीडी के काम कर सकता है।