भुंतर: कोरोना के इस संकट की घडी में बहुत से दिल खोलकर सज्जन राशन, खाना आदि दान कर रहे हैं। महामारी के ऐसे मुश्किल वक़्त समय में खुद मजबूर व गरीब लोग भी मानवता की गजब मिसाल पेश करने में पीछे नहीं हैं। एक तरफ जहां छोटे बच्चे अपनी गुल्लक तोड़ कर दान में हिस्सा ले रहे हैं। वहीं मानवता की अलग ही मिसाल कुल्लू जिला में देखने को मिली। 20 सालों से भीख मांगकर गुजर बसर करने वाले दो भिखारियों ने अब जरूरतमंदों की मदद को अपने हाथ बढ़ाए हैं।
आंध्र प्रदेश से संबंध रखने वाले रत्नम व नेपाली मूल के बाबा ने संकट की घड़ी में प्रभावित असहाय ज़रूरतमंदों के भोजन के लिए 50 किलो चावल, दाल व आटा अन्नपूर्णा चेरिटेबल सोसायटी को दान किया है। पूछने पर दोनों ने दिल को छू लेने वाली बात कही। दोनों का कहना था कि जनाब अगर गरीब हैं तो क्या हुआ, दिल के तो हम भी अमीर हैं। इंसानियत के प्रति दोनों के जज्बे को सलाम तो बनता है।