रिकांगपिओ, 24 सितंबर : प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी टीए -डीए (TA-DA) को लेकर बेबुनियाद आरोप लगा रहे है। जबकि उन्हें पता होना चाहिए कि किन्नौर के विधायक को किन्नौर का टीए-डीए नही मिलता है। यह बात विधायक जगत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सूरत नेगी ने कई विधायको के टीए डीए का पूरा ब्यौरा आरटीआई में लिया मगर जब कुछ नही मिला तो मेरे विरुद्ध झुठा आरोप लगाना शुरू कर दिया। विधायक किन्नौर ने कहा कि विधायक को टीए डीए किन्नौर में टूर के लिए नही मिलता बल्कि अपने निवास स्थान से शिमला और शिमला से अपने निवास स्थान तक के लिए मिलता है।
उन्होंने कहा कि वो विधानसभा की 2 कमेटियों में नामजद है जहाँ कई विभागों के कार्यो की समीक्षा की जाती है। इन कमेटियों को मिनी विधानसभा कहा जाता है। जिसमे महीने में तीन बार उन्हें मिटिंग के लिए अनिवार्य रूप से शिमला जाना पड़ता है,जो उनका संवैधानिक अधिकार है। बावजूद इसके निगम उपाध्यक्ष अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए झूठे आरोप लगा रहे है। उन्होंने कहा कि मेरा एक भी पैसा गलत साबित करे तो वो विधायक की कुर्सी से त्याग पत्र देने को तैयार है। उन्होंने चेताया है कि इस प्रकार के बेबुनियाद झुठे आरोप के विरुद्ध वो सुप्रीम कोर्ट तक भी जाने को तैयार है।
उन्होंने प्रदेश सरकार को भी आड़े लेते हुए कहा कि आज प्रदेश में कई निगम घाटे में चल रहे है बावजूद इसके प्रदेश की जय राम सरकार निगम के अध्यक्षो एव उपाध्यक्षो की फ़ौज खड़ी करने में लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो लाखों रुपये निगम के अध्यक्ष-उपाध्यक्षो में खर्च कर रही है। वही दूसरी तरफ विधायकों की तनख्वाह तक बंद है। उन्होंने चेताया है कि अपनी राजनीतिक फायदे के लिए झुठे आरोप लगाने वाले लोगों को वह बख्शने वाले नही है। चाहे उन्हें विधानसभा के माध्यम से लड़ाई लड़नी पड़े चाहे कोर्ट के माध्यम से।