मंडी (वी.कुमार) : जिला में गैरकानूनी तरीके के लिंग परीक्षण करने वालों पर प्रशासन ने कार्रवाही का मन बना लिया है। डीसी संदीप कदम का कहना है गैर कानूनी तरीके से लिंग परीक्षण करने और गर्भपात करवाने वालों की शिकायतें प्रशासन के पास पहुंच चुकी हैं और अब उन पर कार्रवाही की तैयारी की जा रही है।
जिला के कुछ इलाकों में अभी भी लोगों के सिर से बेटों की चाहत का भूत नहीं उतर पाया है। भारत सरकार के बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान की तर्ज पर जिला प्रशासन ने मेरी लाडली अभियान को शुरू किया है। हालांकि इस अभियान से लोगों की मानसिकता में काफी ज्यादा बदलाव भी आया है। लेकिन जिला के कुछ इलाके अभी भी ऐसे हैं जहां के लोगों के सिर से बेटों की चाहत का भूत नहीं उतर पाया है। जिला प्रशासन ने हाल ही में 0 से 6 वर्ष के बच्चों का एक सर्वे करवाया, जिसमें जिला भर में इसके परिणाम काफी संतोषजनक पाए गए। लेकिन संधोल, लड़भड़ोल, कोटली, नेरचौक और सुंदरनगर के आसपास के इलाकों में अभी भी लिंगानुपात सामान्य नहीं हो पाया है।
जिला प्रशासन ने इस रिपोर्ट के बाद इन इलाकों में इस बात को लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है कि यहां पर लिंगानुपात सामान्य क्यों नहीं हो पा रहा है। यह वही इलाके हैं जहां से प्रशासन के पास गैरकानूनी तरीके से लिंग परीक्षण करवाने की शिकायतें भी आई हैं। अब प्रशासन इन इलाकों के उन क्लीनिकों पर कार्रवाही करने जा रहा है जो कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देने में लगे हुए हैं। डीसी संदीप कदम ने बताया कि इन स्थानों के क्लीनिकों पर पूरी नजर रखी जा रही है और जल्द ही क्लीनिक संचालकों के खिलाफ कानूनन कार्रवाही को अम्ल में लाया जाएगा।
हैरत की बात यह है कि जिन इलाकों में लिंगानुपात गिर रहा है वह काफी शिक्षित इलाके हैं और यहां काफी घनी आबादी है। इन इलाकों के लोग अभी तक अपनी मानसिकता को बदल नहीं पाए हैं और कन्या भ्रूण हत्या जैसा जघन्य अपराध करने में लगे हुए हैं। वहीं कुछ क्लीनिक चांदी कूटने के चक्कर में इस जघन्यता में बेखौफ अपना योगदान दे रहे हैं। यह बात ठीक है कि सरकारों और प्रशासन को इस बारे में ध्यान देने की जरूरत है लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं कि ऐसे लोगों को पहले अपनी मानसिकता बदलनी होगी तभी अभियान सफल बनाए जा सकते हैं।