शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल प्रदेश के एक लाख से भी अधिक सरकारी कर्मचारी बड़ी उत्सुकता से पंजाब के वेतन आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश के अराजपत्रित कर्मचारी तथा अन्य श्रेणी के कर्मचारियों को पूरी आशा है कि पंजाब सरकार विधानसभा चुनाव से पहले अपने वेतन आयोग की रिपोर्ट की शिफारिशों को लागू करेगी, क्योंकि इन सिफारिशों का प्रभाव हिमाचल के कर्मचारियों पर भी पड़ेगा, क्योंकि हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब वेतन मान का अनुसरण करती है।
प्रदेश के एक कर्मचारी नेता ने कहा कि केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को कुछ फेरबदल के साथ पंजाब सरकार अपने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सकती है और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों से भी कुछ अधिक मिल सकता है।
प्रदेश सरकार के कर्मचारी आश्वस्त हैं कि उन्हें भी काफी वितीय लाभ पहुंच सकता है। प्रदेश सरकार ने पहले ही वेतन आयोग की सिफारिशों के दृष्टिगत पांच फीसदी अंतरिम सहायता कर्मचारियों को पिछले महीने दे दी थी। यदि पंजाब सरकार अपने वेतन आयोग की रिपोर्ट में सिफारिशों को विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही लागू नहीं करती, तो दोनों राज्यों के कर्मचारियों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी, जिससे आने वाले चुनाव में दोनों राज्यों के सतारूढ दलों की सरकारों को चुनाव में नुकसान हो सकता है।
पंजाब विधानसभा के चुनाव अगले वर्ष फरवरी में होने हैं, वहीं हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव वैसे तो अगले साल दिसंबर में प्रस्तावित हैं।
इस बीच केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए 119 प्रतिशत मंहगाई भत्ता मूल वेतन में तथा पेशन भोगियों की पेंशन में विलय कर दिया है और यदि ऐसा ही अनुसरण पंजाब सरकार करती है, तो हिमाचल सरकार को भी यह करना पड़ेगा, जिससे दोनो सरकारों पर वितीय बोझ और अधिक बढ़ेगा
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