शिमला (एमबीएम न्यूज): प्रदेश के वन विभाग ने वनरक्षकों की नियुक्ति को लेकर वही बदलाव किए हैं, जिसका खुलासा एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने अपनी खबर में किया था। 18 जून को प्रकाशित खबर में बताया गया था कि वनरक्षकों की नियुक्ति में शारीरिक दक्षता के नियम बदले जा सकते हैं। इसकी बड़ी वजह यह थी कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की शारीरिक परीक्षा काफी आसान थी। लिहाजा महिलाओं के चयन की अधिक संभावनाएं पैदा हो गई थी।
अचानक ही विभाग ने नियुक्तियों की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया था। अब नए नियमों के मुताबिक शारीरिक परीक्षा मात्र क्वालीफाइंग होगी। महिलाओं के लिए भी इस परीक्षा को थोड़ा मुश्किल बनाया गया है। जहां उम्मीदवारों को पहले 400 मीटर की दौड़ पूरी करनी थी, वहीं अब 800 मीटर की दौड़ 4 मिनट 15 सैकंड में पूरी करनी होगी। लंबी व ऊंची कूद 75 सैंटीमीटर की बजाय एक मीटर होगी। शारीरिक परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में हिस्सा लेना होगा, जिसके अधिकतम 85 अंक रखे गए हैं। जबकि साक्षात्कार के लिए 15 अंक होंगे। चयन की मैरिट सूची इसी के आधार पर बनेगी। इसमें शारीरिक परीक्षा के अंक शामिल नहीं होंगे।
15 जून की खबर में एमबीएम न्यूज ने यह भी खुलासा किया था कि नाहन वृत में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए एक भी सीट नहीं बची है। लिहाजा समूचे प्रदेश में नाहन वनवृत ही एकमात्र है, जहां आरक्षण रोस्टर को भी संशोधित किया गया है। विभाग ने साफ किया है कि उम्मीदवारों को नए सिरे से आवेदन करने होंगे। नाहन वृत में 100 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाने के कारण बवाल मच गया था। पुरानी प्रक्रिया में आईआरडीपी के 15 पद आरक्षित किए गए थे, जबकि भूतपूर्व सैनिकों व गृहरक्षकों के लिए क्रमश: 14 व 12 पद आरक्षित हुए थे।
उधर वन विभाग के पीसीसीएफ एसपी वासुदेवा ने कहा कि केवल शारीरिक परीक्षा को क्वालीफाइंग बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि नाहन वृत में आरक्षण रोस्टर को साथ-साथ संशोधित कर दिया गया है। पीसीसीएफ ने यह भी कहा कि उम्मीदवारों को नए सिरे से आवेदन करने होंगे।