बिलासपुर, 21 नवंबर : खैर उत्पादक संघ बिलासपुर ने प्रदेश सरकार व वन विभाग पर खैर उत्पादन करने वाले किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार ने झंडूता वन परिक्षेत्र के तहत शीघ्र निशानदेही करवाने की मांग की है। निशानदेही नहीं होने से उनके खैर कटान का कार्य रुका हुआ है, जिससे उन्हें परेशान होना पड़ रहा है।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए खैर उत्पाद संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह ठाकुर एवं मुख्य सलाहकार मनोज कुमार मनु ने कहा कि वर्ष 2022 में सरकार द्वारा झंडूता वन परिक्षेत्र के तहत 10 वर्षीय खैर कटान पॉलिसी के तहत खैर कटान के लिए खुला था, जिससे इस वन परिक्षेत्र के तहत आने वाली 17 ग्राम पंचायतों के खैर उत्पादन करने वाले किसानों को आर्थिकी मजबूत होने की उम्मीद जगी थी। अभी तक उनके खैर के पेड़ों की निशानदेही नहीं हो पाई है, जिससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

इस मुद्दे पर कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले विधानसभा चुनावों की आचार संहिता के कारण निशानदेही का मसला लटका रहा। उसके बाद विभाग ने गौर नहीं किया। जबकि अब खैर कटान के लिए समय सीमा समाप्त होने ने बहुत कम समय बचा है। उन्होंने प्रदेश सरकार एवं वन विभाग के अधिकारियों से झंडूता वन परिक्षेत्र के तहत शीघ्र निशानदेही करवाने की मांग की है।