सुंदरनगर, 20 नवंबर : मांगें नहीं माने जाने से नाराज बिजली के ठेकेदार अब विभाग का किसी भी प्रकार का काम नहीं करेंगे। ठेकेदारों ने सरकार और विभाग को सीधे तौर पर चेतावनी दे दी है कि जब उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक प्रदेश का कोई भी बिजली ठेकेदार काम नहीं करेगा।

सुंदरनगर में बिजली बोर्ड के अधिशाषी अभियंता को सौंपे ज्ञापन संबंधी जानकारी देते हुए बिजली ठेकेदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण ठाकुर और मंडी जोन अध्यक्ष तिलक राज ने बताया कि पहले विभाग में ऑफलाइन टेंडर की सीमा पांच लाख रुपए थी। लेकिन इसे घटाकर 50 हजार कर दिया गया है। हालांकि लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग में यह सीमा पांच लाख रुपए ही है। इसके साथ ही पहले कास्ट डाटा के आइटम रेट 10 प्रतिशत बढ़ते थे। लेकिन इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि यह रेट 45 प्रतिशत तक कम कर दिए गए हैं। जबकि महंगाई दर हर वर्ष बढ़ती है।
उन्होंने कहा मांगें नहीं मानने से क्षुब्ध ठेकेदारों ने यह निर्णय भी लिया है कि बर्फबारी से लाइनों के गिरने और ट्रांसफार्मर बंद होने की स्थिति में भी कोई भी ठेकेदार विभाग का सहयोग नहीं करेगा। संघ द्वारा हर उपमंडल और मंडल स्तर पर मांगों को लेकर बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जनवरी माह के पहले सप्ताह में सुंदरनगर में बिजली ठेकेदारों की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया जाएगा।