शिमला, 10 नवंबर : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाटी कबीले को अनुसूचित जनजाति के दर्जे को लेकर एक अहम आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को याचिकाकर्ता बॉबी देवी निवासी बागना, तहसील शिलाई को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आवेदन की अनुमति देने के आदेश जारी किए है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अनुसूचित जनजाति में संशोधन के बावजूद भी एसटी प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि हिन्दी लेक्चरर के पदों को लेकर आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन की अंतिम तारीख 31 नवंबर तय हुई है। इन पदों में 5 पद अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा हाटी कबीले को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की तमाम औपचारिकताओं को विधानसभा चुनाव से पहले ही पूरा कर लिया गया था, लेकिन राज्य स्तर पर पंेच अड़ा हुआ है। हाटी कबीले के संगठनों ने राज्य सरकार को दिवाली से पहले इस मामले को सुलझाने की मोहलत दी थी। इसके बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।
उधर, अदालत का फैसला आते ही इसकी प्रतिलिपि सोशल मीडिया में वायरल हो गई। भाजपा ने इसका श्रेय लेना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने उच्च न्यायालय के आदेश की प्रतिलिपि को सोशल मीडिया में पोस्ट किया। इसके बाद सोशल मीडिया में ‘जय हाटी-जय माटी’ के नारों की बाढ़ आ गई।